कर्नाटक: विश्वास मत आज, येदियुरप्पा बोले- सरकार का आखिरी दिन होगा

Karnataka trust vote today, Yeddyurappa says it will be last day of Cong-JDS govt
कर्नाटक: विश्वास मत आज, येदियुरप्पा बोले- सरकार का आखिरी दिन होगा
कर्नाटक: विश्वास मत आज, येदियुरप्पा बोले- सरकार का आखिरी दिन होगा
हाईलाइट
  • कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है
  • येदियुरप्पा ने दावा किया कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का यह अंतिम दिन होगा
  • विश्वास मत टलने के बाद दो निर्दलीय विधायकों ने भी सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है। इससे पहले कर्नाटक बीजेपी के प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि यह राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का अंतिम दिन होगा। गुरुवार और शुक्रवार को विश्वास मत टलने के बाद दो निर्दलीय विधायकों - शंकर और एच नागेश ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। कोर्ट से दोनों विधायक तत्काल फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश देने की मांग की है।

अपनी याचिका में शंकर और नागेश ने एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार को 22 जुलाई को शाम 5 बजे या उससे पहले फ्लोर टेस्ट आयोजित करने के लिए दिशा-निर्देश दोने की मांग की है। याचिका में ये भी कहा गया है कि सरकार अल्पमत में होने के बावजूद विश्वास मत नहीं कर रही है। बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के अब तक 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इसमें कांग्रेस के 13 और और जेडीएस के 3 विधायक है, जबकि निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश ने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।

उधर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कर्नाटक विधानसभा में अपनी पार्टी के एकमात्र विधायक एन महेश से सोमवार को निर्धारित फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस-जडीएस गठबंधन के पक्ष में मतदान करने के लिए कहा। मायावती का बयान कर्नाटक की गठबंधन सरकार के लिए राहत की बात है, जो राज्य में सत्ता बचाने के लिए संघर्ष कर रही है।

इससे पहले शुक्रवार को सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित होने के बाद भाजपा कर्नाटक अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा था, "एचडी कुमारस्वामी सरकार के लिए सोमवार अंतिम दिन होगा, उनके पास बहुमत नहीं हैं और वे उन लोगों को सरकार बनाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं जिनके पास बहुमत है। हमारे पास 106 सदस्य हैं। SC ने कहा है कि जो विधायक मुंबई में हैं उन्हें सत्र में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।"

सदन को स्थगित करने से पहले, स्पीकर ने स्पष्ट कर दिया था कि सोमवार को प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगा दी जाएगी और किसी भी परिस्थिति में मामले को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। कांग्रेस नेता एस सिद्धारमैया ने कहा था कि सत्तारूढ़ गठबंधन सोमवार को विश्वास मत का सामना करेगा। सदन को स्थगित करने के स्पीकर के फैसले से पहले बीएस येदियुरप्पा ने आज ही फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी।

येदियुरप्पा ने कहा था, "हम आपका सम्मान करते हैं, स्पीकर महोदय। गवर्नर के आखिरी पत्र में कहा गया था कि वोटिंग आज खत्म होनी चाहिए। जितना भी समय लगे हमारी तरफ के लोग देर रात तक शांति से बैठेंगे। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह भी होगा कि हम गवर्नर के निर्देश का सम्मान कर सकते हैं।"

शुक्रवार सुबह सदन की कार्यवाही के दौरान राज्यपाल के मुख्यमंत्री को 1:30 बजे तक बहुमत साबित करने के निर्देश पर जमकर बहस हुई थी और जोरदार हंगामे के बाद स्पीकर केआर रमेश कुमार ने सदन को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दूसरा पत्र लिखकर विश्वास मत शाम 6 बजे तक पूरा करने के लिए कहा था।

पत्र मिलने के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधानसभा में कहा था "मेरे पास राज्यपाल की तरफ से दूसरा लव लेटर आया है। राज्यपाल कह रहे हैं कि होर्स ट्रेडिंग हो रही है जो विधानसभा के लिए ठीक नहीं है। मेरे मन में राज्यपाल के लिए बहुत आदर है, लेकिन राज्यपाल के दूसरे प्रेम पत्र ने मुझे दुख पहुंचाया है। क्या उन्हें 10 दिन पहले ही केवल हॉर्स ट्रेडिंग के बारे जानकारी मिली?

कुमारस्वामी ने कहा था, फ्लोर टेस्ट पर निर्णय करने का अधिकार मैं विधानसभा स्पीकर को सौंपता हूं। इसे दिल्ली से निर्देशित नहीं होना चाहिए। मैं प्रार्थना करता हूं कि राज्यपाल की ओर से भेजी गई चिट्ठी से मेरी रक्षा की जाए।" कुमारस्वामी ने राज्यपाल के निर्देश को चुनौती देते हुए दो मुख्य मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने राज्यपाल के निर्देशों को अदालत के तय किए गए सुव्यवस्थित कानून का उल्लंघन बताया था।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख दिनेश गुंडु राव ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें कहा गया है कि कोर्ट के 17 जुलाई के आदेश के कारण पार्टी का अपने विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार खतरे में आ गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बागी विधायकों को बहुमत परीक्षण की कार्यवाही में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

Created On :   21 July 2019 4:32 PM GMT

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