मोदी सरकार की वन नेशन वन कार्ड योजना की राह में केजरीवाल का रोड़ा

Kejriwals hurdle in the path of One Nation One Card Scheme of Modi Government
मोदी सरकार की वन नेशन वन कार्ड योजना की राह में केजरीवाल का रोड़ा
मोदी सरकार की वन नेशन वन कार्ड योजना की राह में केजरीवाल का रोड़ा

नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। देश में वन नेशन वन कार्ड लागू करने की पधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की राह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रोड़ा अटका दिया है।

वन नेशन वन कार्ड योजना को हकीकत बनाने की दिशा में जहां पूरे देश में तैयारी जोरों पर है, वहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ई-पीओएस से राशन वितरण हो रहा था, वह भी डेढ़ साल से ज्यादा समय से बंद है।

लोकपाल और पारदर्शिता के नाम पर दिल्ली में चुनाव जीत कर आई आम आदमी पार्टी की सरकार ने ई-पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन से राशन वितरण बंद कर दिया है, जिसके बिना राशन वितरण में पारदर्शिता लाना और वन नेशन वन कार्ड की केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाना मुश्किल होगा।

दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ के सेक्रेटरी सौरभ गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, दिल्ली सरकार ने जनवरी 2018 में देश की राजधानी में ई-पीओएस से राशन वितरण की शुरुआत की थी। लेकिन कुछ ही समय बाद 25 अप्रैल, 2018 को सरकार ने मशीन के जरिए राशन वितरण बंद कर दिया और पीओएस की मशीनें भी डीलरों से वापस ले ली गई हैं।

मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल डोर-टू-डोर (लोगों के घर पर) राशन वितरण करवाने का फैसला किया था, मगर इस पर अब तक अमल नहीं हो पाया है।

इस संबंध में दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन से फोन पर बात करने की कोशिश की गई, मगर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।

गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में 17,35,723 कार्डधारक परिवार हैं और इनके लाभार्थी सदस्यों की संख्या 70,12,618 हैं, जिन्हें राशन वितरण की पूर्व पद्धति से ही राशन वितरण किया जा रहा है। जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तकरीबन सभी लाभार्थियों के आधार की सीडिंग हो चुकी है।

देश के पिछड़े राज्यों व जिलों में जहां डिजिटीकरण का फायदा उठाकर राशन वितरण को सरल बनाने की कवायद जारी है, वहीं देश की राजधानी में राशन वितरण में ई-पीओएस का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने अगले साल जून में वन नेशन वन कार्ड को पूरे देश में लागू करने का एलान किया है और हाल ही में उन्होंने मुंबई में एक बैठक के दौरान महाराष्ट्र और गुजरात में इसकी प्रगति का जायजा भी लिया।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि वन नेशन वन कार्ड योजना तभी हकीकत बन पाएगी, जब सभी राज्यों में राशन कार्ड को आधार से जोड़कर ई-पीओएस से राशन वितरण की प्रणाली शुरू हो जाएगी। इसलिए राज्य की सक्रियता जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को छोड़कर बाकी राज्यों में इस दिशा में कार्य प्रगति पर है।

अधिकारी ने बताया कि जिन राज्यों में आधार से राशन कार्ड को जोड़ा जा चुका है, वहां ई-पीओएस से राशन वितरण हो रहा है। ऐसे 15 राज्य हैं, जहां ई-पीओएस का इस्तेमाल करके राशन वितरण किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत अंतर-राज्यीय क्लस्टर बन चुके हैं। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में ऐसे क्लस्टर बन चुके हैं, जहां एक राज्य के राशन कार्डधारक दूसरे राज्य के किसी भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का अनाज व अन्य राशन की वस्तुएं ले सकते हैं।

इसी प्रकार कुछ राज्यों के भीतर क्लस्टर (अंतरा-राज्यीय क्लस्टर) बने हैं, जहां के लोग राज्य के भीतर कहीं भी राशन का सामान किसी भी राशन वितरण की दुकान से ले सकते हैं।

इस प्रकार राशन कार्ड अब पीडीएस उपभोक्ताओं के लिए एटीएम कार्ड की तरह काम करेगा, जिससे वे देश में कहीं भी किसी भी राशन की दुकान से अपने कोटे में जमा राशन खरीद सकते हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) 2016 में पूरे देश में लागू है, जिसके तहत पीडीएस लाभार्थियों को तय कोटे के तहत काफी सस्ती दरों पर गेहूं, चालव, मोटा अनाज मुहैया करवाया जा रहा है। पीडीएस लाभार्थियों को गेहूं दो रुपये प्रति किलो, चावल तीन रुपये प्रति किलो और मोटा अनाज एक रुपये प्रति किलो राशन की दुकानों से मिलता है।

Created On :   1 Nov 2019 3:00 PM GMT

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