सबरीमाला में 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं ही प्रवेश कर सकीं, 22 तक खुले रहेंगे गेट

सबरीमाला में 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं ही प्रवेश कर सकीं, 22 तक खुले रहेंगे गेट
हाईलाइट
  • 1000 सुरक्षाकर्मियों को निलेकल और पंपा बेस कैंप में तैनात किया गया है
  • मंदिर परिसर में प्रशासन ने कुल 1500 सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं
  • लड़कियों और महिलाओं की एंट्री रोकने के लिए वाहनों की चैकिंग की जा रही है

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। पांच दिन की मासिक पूजा के लिए बुधवार को केरल के सबरीमाला मंदिर के कपाट खुल गए। रात 10.30 बजे तक पूजा-पाठ और आरती का दौर चलता रहा। हालांकि कपाट खुलने के बाद भी महिलाओं की एंट्री को लेकर तनाव कम नहीं हुआ। गेट खुलने के बाद सबरीमाला मंदिर में बुधवार को 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं ने ही प्रवेश किया। सुरक्षा कारणों के चलते 10-50 साल की उम्र के बीच की महिलाएं मंदिर तक नहीं पहुंचीं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश न करने देने की कोशिशें की गईं। Save Sabarimala का कैपेंन चलाने वाले राहुल ईश्वर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। महिला पत्रकारों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। केरल के मिनिस्टर ईपी जयराजन ने हिंसा के लिए RSS को जिम्मेदार बताया है।

जयराजन ने कहा, "RSS के लोग जंगलों में छिपे हुए थे और उन लोगों ने अयप्पा के श्रद्धालुओं पर अटैक किया। इस हमले में 10 मीडियाकर्मी, 5 श्रद्धालु और 15 पुलिसकर्मी घायल हुए है। 10 KSRTC बसों में तोड़-फोड़ की गई है। अन्य राज्यों के श्रद्धालुओ को पीटा गया है और वापस भेज दिया गया। RSS-BJP इस सब के पीछे है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी पर लागू होता है, सरकार सिर्फ इसका पालन कर रही है और इसे लागू कर रही है।" 

UPDATES:

07.00 PM: सबरीमाला मंदिर के सीढ़ियों तक पहुंचीं महिलाएं।

 

 

06.45 PM: महिलाओं की एंट्री को लेकर हुई हिंसा पर गृह मंत्रालय ने संज्ञान लिया।

06.15 PM: हिंसा को देखते हुए 18 और 19 अक्टूबर के लिए सबरीमाला मंदिर के आसपास कुछ चुनिंदा जगहों पर धारा 144 लगाई गई है। गुरुवार को मंदिर सुबह 5 बजे खुलेगा।

05.44 PM : कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथाला ने कहा, कांग्रेस किसी पर हमला नहीं कर रही है। पत्रकारों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध के पीछे बीजेपी, RSS के लोग हैं।

05.26 PM : सबरीमाला मंदिर के कपाट 5 बजे खुल गए। मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर तक खुले रहेंगे।

04.30 PM:  राज्य में कानून व्यवस्था के लिए बीजेपी नेता एम एस कुमार ने राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया।

04.00 PM: एक्टिविस्ट राहुल ईश्वर को निलाक्कल बेस कैंप से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राहुल ईश्वर के खिलाफ गैर जमानती FIR दर्ज की गई है।

03.58 PM : महिला पत्रकारों पर हुए हमले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। 

03.45 PM : केरल सरकार में मंत्री केके. शैलजा ने सबरीमाला मंदिर के घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा- वहां जो हो रहा है वो सुनियोजित है। यह गंदी राजनीति है। मैं ये भी नहीं कह सकती कि वो वास्तव में भक्त ही हैं या नहीं।

03.10 PM :  सबरीमाला मंदिर मामले को कवर कर रहीं एक महिला पत्रकार की कार को कुछ प्रदर्शनकारियों ने घेरा और उस पर हमला किया।

 

 

भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए पहली बार बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची हैं। मंदिर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए गए हैं। मंदिर में महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहे करीब 50 लोगों को अब तक पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। माधवी नाम की एक महिला अपने परिवार के साथ अयप्पा के दर्शन करने पहुंची थी, लेकिन उन्हें आधे रास्ते से ही वापस लौटा दिया गया। सबरीमाला मंदिर के एक बेस कैम्प निलक्कल में बुधवार दोपहर कुछ प्रदर्शनकारी जुट गए। ये लोग मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे थे। इनको खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

 

 

महिलाओं को रोकने की कोशिश
भगवान अयप्पा की सैकड़ों महिला श्रद्धालु 10 से 50 साल की महिलाओं को रास्ते में ही रोक रही हैं। अयप्पा भक्त इस आयु वर्ग की महिलाओं-लड़कियों की एंट्री रोकने के लिए वाहनों की चैकिंग कर रही हैं। निलेकल और पंपा बेसकैंप में 1000 सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं, जिसमें 800 पुरुष तो 200 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा सन्नीधानम में भी 500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

 


इससे पहले मंगलवार को त्रावणकोर देवसोम बोर्ड के तांत्री (प्रमुख पुरोहित) परिवार, अयप्पा सेवा संघम और पंडलाम राजपरिवार समेत अलग-अलग संगठनों की बैठक बुलाई। बैठक में 17 नवंबर से शुरू हो रही खास पूजा की तैयारी के बारे में बात हुई। सीएम पिनाराई विजयन ने सोमवार को पंडालम (मंदिर के पुजारी परिवार) को बैठक के लिए बुलाया था। लेकिन, इस मसले का कोई हल नहीं निकल सका है। 

 


ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर राजनैतिक पार्टियां आमने-सामने आ गई हैं। केरल में अब तक कांग्रेस समर्थित यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और  माकपा समर्थित लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) का दबदबा रहा है। कई वर्षों तक रस्साकशी करने के बाद भी भाजपा केरल में न के बराबर प्रभुत्व जमा पाई है। 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी भारतीय धर्म जनसेना (बीडीजेएस) ने 14 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इसके बाद भी बीजेपी को 1 सीट मिल सकी थी, जबकि पूरे केरल में 140  विधानसभा सीट हैं।

Created On :   16 Oct 2018 1:03 PM IST

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