जब बच्चे की तरह रोए नीतीश..., ये हैं उनकी जिंदगी के अनछुए पहलू

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जब बच्चे की तरह रोए नीतीश..., ये हैं उनकी जिंदगी के अनछुए पहलू
जब बच्चे की तरह रोए नीतीश..., ये हैं उनकी जिंदगी के अनछुए पहलू

डिजिटल डेस्क, पटना। भारतीय राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ जब 24 घंटे के अंदर सीएम पद से किसी ने इस्तीफा दिया हो और फिर उसे दौबारा उसी राज्य के सीएम पद की शपथ दिलाई गई हो। नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम पद से बुधवार साम 6 बजे इस्तीफा दिया था और गुरुवार सुबह 10 बजे नीतीश ने छठीं बार सीएम पद की शपथ ली है। नीतीश की राजनीतिक जिंदगी जितनी दिलचस्प हैउतनी ही उनकी निजी जिंदगी भी है। आइये आपको कराते हैं उनकी निजी जिन्दगी से रूबरू।

ये हैं उनकी जिंदगीं के कुछ पन्नें

नीतीश कुमार अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब पत्नी मंजू का देहांत हुआ तब वह किसी बच्चे के समान फूट-फूट कर रोए थे। उन्होंने बेटे निशांत के साथ पत्नी की अर्थी को कंधा दिया था। उनकी पत्नी मंजू का निधन 2007 में हो गया था। पत्नी की मौत पर नीतीश की हालात बेहद खराब थी, जब उन्होंने चिता में आग लगाई तो फूट-फूट कर रोने लगे। नीतीश पूरे रास्ते ही रोते हुए गए थे। हालांकि यह भी कहा जाता है कि अंतिम कुछ सालों में पत्नी के साथ नीतीश का रिश्ता ठीक नहीं चल रहा था। नीतीश और मंजू ने अंतरजातीय विवाह किया था।वो ओबीसी समुदाय से आते हैं और जाति के कुर्मी हैं। वहीं उनकी पत्नी मंजू कुमारी सिन्हा कायस्थ हैं। हालांकि इस पर भी कुछ साफ नहीं है, क्योंकि बिहार में सिन्हा सरनेम कुर्मी और कायस्थ दोनों ही लिखते हैं।

नहीं लिया था दहेज  

मंजू कुमारी पटना में एक स्कूल टीचर थीं। दोनों की 1973 में शादी हुई थी। कहा जाता है कि नीतीश की शादी पिता ने ही तय की थी। वो शादी के लिए तैयार थे, लेकिन नीतीश की एक शर्त थी जिसके आगे पूरा परिवार झुका था, वो थी दहेज ना लेने की। जैसे ही नीतीश को य पता चला कि दहेज में 22 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। उन्होंने जिद पकड़ ली कि बिना दहेज और पूरी सादगी से शादी होगी। फिर क्या था परिवार नीतीश के आगे झुक गया और कोर्ट में बिना दहेज और खर्चे के शादी हुई। 

नीतीश का पारिवारिक जीवन

-नीतीश का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार में नालंदा जिले के कल्यानबीघा गांव में हुआ था। उनकी मां परमेश्वरी देवी हाउस वाइफ थीं। पिता कविराज राम लखन सिंह फ्रीडम फाइटर थे।

-नीतीश ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और कुछ समय तक बिहार स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में काम भी किया। बाद में नौकरी छोड़कर पूरी तरह राजनीति में सक्रिय हो गए।

-नीतीश के बेटे निशांत, अपने पिता की तरह ही इंजीनियर हैं। वो बीआईटी मेसरा से ग्रैजुएट हैं।

-70 के दशक में इंदिरा गांधी और कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा था। जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में बिहार के साथ पूरे देश में आंदोलन चल रहा था। फिर नीतीश कुमार भी उस आंदोलन से जुड़ गए।

-जेपी के इस आंदोलन ने केंद्र की इंदिरा सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई। राजनीति का ये वो दौर था जब नीतीश एक युवा नेता के रूप में उभरे थे और उन्होंने राजनीति में अपनी जड़ें बना लीं, जो आज तक कोई नहीं हिला पाया।

Created On :   27 July 2017 11:07 AM IST

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