वकीलों ने धमकी देने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई की मांग की

Lawyers demand action from Supreme Court against those who threaten
वकीलों ने धमकी देने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई की मांग की
पीएम की सुरक्षा में चूक वकीलों ने धमकी देने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई की मांग की
हाईलाइट
  • वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को पत्र लिखकर धमकी भरी कॉल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिसने पिछले हफ्ते पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले की जिम्मेदारी ली थी।

एससीएओआरए के सचिव जोसेफ अरस्तू एस ने कहा कि शीर्ष अदालत के कई अधिवक्ताओं के पास सोमवार को एक स्वचालित पूर्व-रिकॉर्डेड कॉल प्लस44-7418365564 से सुबह 10.40 बजे और दूसरी कॉल लगभग 12.36 बजे आई। उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को पंजाब की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी संयुक्त राज्य अमेरिका से सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने ली है और उसका कहना है कि एसएफजे पंजाब में हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर पीएम मोदी के काफिले को रोकने के लिए जिम्मेदार है।

सुप्रीम कोर्ट के कई अधिवक्ताओं ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें एक रिकॉर्डेड मैसेज के साथ एक अंतराष्ट्रीय कॉल आई है, जिसमें शीर्ष अदालत से पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक से जुड़े मामले को लेकर केंद्र सरकार की मदद नहीं करने को कहा गया है।

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवाजी एम. जाधव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्यों में से एक ने कॉल रिसीव किया है। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने कहा कि रिकॉर्ड किए गए संदेश में पिछले सप्ताह पीएम के मार्ग को अवरुद्ध करने की जिम्मेदारी भी ली गई है।

सूत्रों के मुताबिक, कई एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) को सुबह एक अज्ञात अंतर्राष्ट्रीय नंबर से कॉल आए, जिसमें रिकॉर्डेड संदेश था कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने पंजाब में पीएम के सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी ली है। रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा गया है कि 1984 के दंगों के दौरान सिख समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के संबंध में शीर्ष अदालत ने पर्याप्त न्याय नहीं किया।

उच्चतम न्यायालय के वकीलों ने दावा किया है कि उनके मोबाइल फोन पर अंतर्राष्ट्रीय नंबर से एक रिकॉर्डेड संदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें कथित तौर पर शीर्ष अदालत में सुरक्षा के मुद्दे को उठाकर मोदी शासन को मदद नहीं करने की अपील की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।

वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने एक ट्वीट में कहा, सिख फॉर जस्टिस यूएसए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एओआर (एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड) को भेजे गए ऑडियो को सावधानीपूर्वक लेना चाहिए। यह हरकत प्रचार से प्रेरित या दोषियों का बचाव करने के लिए एक धोखा हो सकती है। बावजूद इसके, यह उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों/ एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के लिए परोक्ष खतरा उत्पन्न करने वाला लगता है, इसलिए तत्काल इस मामले की एनआईए से जांच करवाई जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक से जुड़े मामले की जांच के लिए एक पूर्व शीर्ष न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर सहमत हो गया।

दिल्ली के याचिकाकर्ता लॉयर्स वॉयस का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका का उल्लेख किया था। उन्होंने देश के पीएम को सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।

याचिका में पंजाब में प्रधानमंत्री के सुरक्षा उल्लंघन की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। इसने जिला न्यायाधीश बठिंडा को प्रधानमंत्री के दौरे के संबंध में पंजाब पुलिस की आवाजाही और तैनाती से संबंधित सभी सामग्री एकत्र करने, संरक्षित करने और पेश करने और डीजीपी और पंजाब के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश देने की मांग की है।

6 जनवरी को, गृह मंत्रालय ने चुनावी राज्य पंजाब में पीएम के फिरोजपुर दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।

 

(आईएएनएस)

Created On :   10 Jan 2022 3:00 PM GMT

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