Lockdown Effect: लॉकडाउन के दौरान चाइल्ड पोर्नोग्राफी की मांग दोगुनी बढ़ी, आईसीपीएफ की रिपोर्ट

Lockdown Effect: Child pornography demand doubled during lockdown
Lockdown Effect: लॉकडाउन के दौरान चाइल्ड पोर्नोग्राफी की मांग दोगुनी बढ़ी, आईसीपीएफ की रिपोर्ट
Lockdown Effect: लॉकडाउन के दौरान चाइल्ड पोर्नोग्राफी की मांग दोगुनी बढ़ी, आईसीपीएफ की रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के बीच चाइल्ड पोर्नोग्राफी (बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री) की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। यह जानकारी इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) ने सोमवार को दी। आईसीपीएफ ने कहा है कि कोविड-19 लॉकडाउन लागू होने के बाद से भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री की मांग में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

आईसीपीएफ ने कहा है कि सोशल इम्पैक्ट फंड की रिपोर्ट बताती है कि लॉकडाउन के बाद से ऑनलाइन डेटा मॉनिटरिंग वेबसाइट दिखा रही है कि चाइल्ड पोर्न, सेक्सी चाइल्ड और टीन सेक्स वीडियो जैसी खोजों की मांग में भूतपूर्व वृद्धि हो रही है। दुनिया की सबसे बड़ी पोर्नोग्राफी वेबसाइट पोर्नहब के डेटा से यह भी पता चलता है कि भारत में उनका औसत ट्रैफिक, कोरोना काल से पहले की तुलना में 24 से 26 मार्च, 2020 के बीच 95 प्रतिशत बढ़ा है।

बच्चों के लिए इंटरनेट इन दिनों बेहद असुरक्षित 
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि इससे लाखों पीडोफाइल, बाल बलात्कारी और चाइल्ड पोर्नोग्राफिक एडिक्टस को ऑनलाइन सामग्री की आपूर्ति हो रही है, जिससे बच्चों के लिए इंटरनेट इन दिनों बेहद असुरक्षित हो गया है। इसलिए समय रहते अगर इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों में भारी वृद्धि हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का घोर उल्लंघन
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड की प्रवक्ता निवेदिता आहूजा ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का घोर उल्लंघन है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय नीति का भी उल्लंघन है। पोर्नोग्राफिक वेबसाइट केवल अपने वेबसाइट का यूआरएल (वफछ) बदलकर भारतीय कानून और न्यायपालिका के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रही हैं।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई मांग की
आहूजा ने बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि भारत सरकार को चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए और बाल यौन शोषण सामग्री के खिलाफ इंटरनेशनल कन्वेंशन के लिए वैश्विक स्तर पर बातचीत शुरू करनी चाहिए।

Created On :   13 April 2020 9:06 PM GMT

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