जज लोया केस: वकीलों में बहस के बीच SC ने कहा, ये मछली बाजार नहीं है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जज लोया मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों के बीच हो रही तीखी बहस में सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि कोर्ट में बहस के स्तर को "मछली बाजार" न बनाएं। सुनवाई के दौरान बॉम्बे लॉयर्स असोसिएशन के वकील दुष्यंत दवे को कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हमें इस अदालत में बहस को मछली बाजार के स्तर पर नहीं ले जाना चाहिए। जब एक जज कुछ कह रहा है तो आपको चिल्लाते हुए उन्हें बोलने से नहीं रोकना चाहिए। श्रीमान दवे, आपको मेरी बात सुननी ही पड़ेगी। आप तब बोलिए, जब आपकी बारी आए।"
जस्टिस चंद्रचूड़ को जवाब देते हुए दवे ने कहा, "नहीं, मैं ऐसा नहीं करूंगा। माननीय न्यायाधीश महोदय आपको पल्लव सिसोदिया और हरीश साल्वे को इस केस में पेश होने से रोकना चाहिए था। आपको अपनी अतंर-आत्मा को जवाब देना होगा।" इसपर बेंच ने जवाब दिया, "आप हमें अंतर-आत्मा के बारे में मत सिखाइये"।
इसके बाद, सिसोदिया ने शीर्ष अदालत के चार न्यायाधीशों की पिछले महीने हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुये कहा कि इसने भी इस अदालत के कुछ जजों द्वारा मामले की सुनवाई पर आक्षेप लगाने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति में स्वतंत्र जांच एकतरफा नहीं हो सकती जिसमें आरोप लगाने वाले व्यक्ति इस अदालत और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और आस्था को क्षति पहुंचाकर बगैर किसी जवाबदेही के हमला करके भाग निकलें।"
यह दलील वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और इन्दिरा जयसिंह को पसंद नहीं आई और उन्होंने कहा कि यदि वह (पत्रकार) जांच नहीं चाहते तो फिर याचिका दायर करने की जरूरत ही क्या थी?
दवे ने कहा, "आप अमित शाह की ओर से पेश हुए थे ओर अब आप याचिकाकर्ता की ओर से पेश हो रहे हैं।" इस पर सिसोदिया ने पलट कर कहा, "मिस्टर दवे, हमें इसकी परवाह नहीं कि आप क्या कह रहे हैं। आप जहन्नुम या जन्नत या जहां भी चाहें जाएं।"
इस पर अदालत ने हस्तक्षेप किया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने दवे से कहा कि बात को सुनें और कार्यवाही में शालीनता बनाये रखें। उन्होंने कहा, "आपको जज को सुनना ही पड़ेगा।" दवे ने कहा, "मैं नहीं सुनूंगा।" उन्होंने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया नोटिस जारी कर रही है और उनके जैसे वकील के आवाज उठाने के अधिकार में दखल दे रही है।
इस माहौल को गंभीरता से लेते हुए बेंच ने कहा, "यह अक्षम्य है" और उन्होंने दोनों वकीलों (दवे और सिसोदिया) से कहा कि उनकी भाषा ठीक नहीं है और इस तरह की तकरार तो मछली बाजार को भी शर्मिंदा कर देगी।
Created On :   6 Feb 2018 12:06 AM IST