पहली बार यात्रियों को लेकर उड़ेगा मेड इन इंडिया प्लेन डॉर्नियर-228
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय आसमान में जल्द ही मेड इन इंडिया विमान से यात्री हवाई सफर का मजा ले सकेंगे। विमानन उद्योग में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे पीएम नरेंद्र मोदी की ‘उड़ान’ योजना को भी गति मिलने की उम्मीद है। डीजीसीए की परमिशन मिलने के बाद HAL अब भारत में एयरलाइन कंपनियों को भी विमान बेच भी सकेगी। ऐसे में घरेलू उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इस विमान की क्षमता 19 लोगों को ले जाने की है। डॉर्नियर-228 विमान को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कमर्शियल उड़ान भरने की इजाजत दे दी गई है। बतादें के सशस्त्र बल पहले से ही डॉर्नियर-228 का इस्तेमाल कर रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इस विमान का निर्माण किया है। यह पहली बार है कि जब किसी घरेलू कंपनी द्वारा निर्मित विमान को डीजीसीए ने कमर्शियल उड़ान भरने की मंजूरी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि डॉर्नियर-228 का इस्तेमाल करने वाली एयरलाइन कंपनी को कुछ छूट भी दी जा सकती है, ताकि स्वेदश निर्मित विमान का उपयोग बढाया जा सके। अभी तक एयरलाइन कंपनियों को अमेरिका और यूरोपीय देशों से विमान आयात करना पड़ता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की इस सफलता से पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की मेक इन इंडिया योजना को भी रफ्तार मिलेगी। जानकारी के अनुसार, इस विमान को नेपाल और श्रीलंका को बेचने की भी तैयारी है।
एचएएल ने डॉर्नियर-228 विमान का निर्माण विभिन्न उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किया है। डॉर्नियर-228 का एयर टैक्सी और टोही विमान के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। तटरक्षक बल भी 19 सीटर विमान का प्रयोग कर सकते हैं।
428 किलोमीटर है अधिकतम रफ्तार से उड़ने वाला ये विमान 700 किलोमीटर तक इसी रफ्तार से लगातार उड़ सकता है। हाल ही में कानपुर एयरपोर्ट पर इसका सफल परीक्षण किया गया था। मालूम हो कि कानपुर में एचएएल का वर्ष 1960 से ही ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट डिवीजन है।
Created On :   27 Dec 2017 4:10 AM GMT