महाराष्ट्र के किसानों ने अहमदनगर में 52 किमी लॉन्ग मार्च शुरू किया

Maharashtra farmers start 52 km long march in Ahmednagar
महाराष्ट्र के किसानों ने अहमदनगर में 52 किमी लॉन्ग मार्च शुरू किया
लॉन्ग मार्च महाराष्ट्र के किसानों ने अहमदनगर में 52 किमी लॉन्ग मार्च शुरू किया

डिजिटल डेस्क, अहमदनगर। पुलिस के नोटिस और बढ़ते तापमान को नजरअंदाज करते हुए महाराष्ट्र के सैकड़ों किसानों ने राज्य सरकार से अपनी मांगों के समर्थन में अकोले से लोनी तक तीन दिवसीय लंबा मार्च (लॉन्ग मार्च) शुरू किया है। आयोजकों ने बुधवार को यह जानकारी दी। लॉन्ग मार्च का आयोजन अखिल भारतीय किसान सभा और अन्य संगठनों ने किया है। यह मार्च शुक्रवार को लोनी में डेयरी विकास और राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल के कार्यालय पहुंचेगा।

अहमदनगर पुलिस ने नवी मुंबई जैसी त्रासदी को टालने के लिए जिले में 39 डिग्री सेल्सियस तक चिलचिलाती गर्मी के तापमान को देखते हुए लॉन्ग मार्च की अनुमति देने से इनकार कर दिया, और इसके लिए आयोजकों को नोटिस भी जारी किया। फिर भी अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए लाल झंडे, बैनर और पोस्टर लिए किसानों ने घुमावदार रास्ते से 52 किलोमीटर दूर लोनी की ओर मार्च शुरू किया। मार्च करने वाले 15,000 से अधिक किसानों को पत्रकार-कार्यकर्ता पी. साईनाथ ने झंडी दिखाकर रवाना किया। आज दोपहर डॉ. अशोक धवले, डॉ. अजीत नावले, माकपा के राज्य सचिव उदय नारकर और अन्य जैसे एआईकेएस के शीर्ष नेता मार्च में शामिल हुए।

एआईकेएस के महासचिव नावले ने कहा कि हम किसानों और कृषि श्रमिकों के नाम पर वन भूमि को निहित करने, कपास, दूध, सोयाबीन, अरहर, चना और अन्य उत्पादों के लिए लाभकारी मूल्य की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ राज्य में देखी गई भ्रष्ट और अनैतिक राजनीति के कारण किसानों, श्रमिकों, खेतिहर मजदूरों और सभी श्रमिकों की बुनियादी समस्याओं की उपेक्षा की गई है। विकास के मुद्दों को भी दरकिनार कर दिया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि उच्च तापमान से उत्पन्न होने वाली चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, आयोजकों ने पीने के पानी, छाया, केवल सुबह और शाम के समय चलने आदि की उपयुक्त व्यवस्था की है। एआईकेएस ने कहा कि चूंकि सत्तारूढ़ भाजपा के नेता हर तरह की रिश्वत और रियायतों की पेशकश कर रहे हैं, या जेल का डर दिखा कर तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए अब लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए फिर से सड़कों पर उतरना अनिवार्य हो गया है।

नावले ने जोर देकर कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं, तो वे लोनी में मंत्री विखे-पाटिल के कार्यालय के पास अनिश्चितकालीन धरना देंगे। 28 मार्च को, एआईकेएस के किसानों के लॉन्ग मार्च को राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों को स्वीकार किए जाने और इस आशय के लिखित आदेश जारी करने की घोषणा के बाद मुंबई से कुछ ही दूर रोक दिया गया था।

(आईएएनएस)

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Created On :   26 April 2023 7:00 PM IST

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