थल सेना ने नहीं दी मुकदमा चलाने की मंजूरी, कर्नल पुरोहित की याचिका पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने 2008 मालेगांव बम धमाके के आरोपी कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। याचिका में कर्नल पुरोहित ने दावा किया है कि जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर थलसेना से जरुरी मंजूरी नहीं ली है। इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा न चलाया जाए और उन्हें इस मामले से मुक्त किया जाए।
पिछले साल हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष को पुरोहित के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी। यही नहीं एनआईए कोर्ट ने भी पुरोहित के उस आवेदन को खारिज कर दिया था जिसमे पुरोहित ने खुद को इस मामले से मुक्त किए जाने का अनुरोध किया था। इस बीच पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने पुरोहित को अपने मामले को लेकर फिर हाईकोर्ट में जाने का निर्देश दिया। जिसके तहत पुरोहित ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में पुरोहित ने दावा किया है कि सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की जो मंजूरी दी है वह कानूनी रुप से गलत है। जांच एजेंसी को पहले उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए थल सेना से अनुमति लेनी चाहिए। क्योंकि वह वहां कार्यरत थे। सुनवाई के दौरान पुरोहित की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीकांत शिवदे ने कहा कि सरकार ने पुरोहित के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी 2009 में दी है। जबकि मंजूरी देने के लिए कमेटी का गठन 2010 में किया गया। इसलिए पुरोहित के खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर दी गई मंजूरी को अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून के तहत (यूएपीए) वैध नहीं माना जा सकता है। इसलिए निचली अदालत को पुरोहित के खिलाफ लगाए गए आरोपों का संज्ञान नहीं लेना चाहिए।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति अनुजा प्रभु देसाई के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। खंडपीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए विचारार्थ मंजूर कर लिया और मामले की सुनवाई 16 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   23 Jun 2018 1:03 AM IST