कठुआ गैंगरेप: आरोपियों का समर्थन करने वाले मंत्रियों के बचाव में उतरे बीजेपी नेता राम माधव

Ministers Were Not There To Support Rapists They Went To Pacify Mob Says Bjp Leader Ram Madhav
कठुआ गैंगरेप: आरोपियों का समर्थन करने वाले मंत्रियों के बचाव में उतरे बीजेपी नेता राम माधव
कठुआ गैंगरेप: आरोपियों का समर्थन करने वाले मंत्रियों के बचाव में उतरे बीजेपी नेता राम माधव

डिजिटल डेस्क, जम्मू। कठुआ गैंगरेप मामले में कथित रूप से आरोपियों का समर्थन करने वाले जम्मू-कश्मीर सरकार के दो मंत्रियों के बचाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता राम माधव उतर आए हैं। उन्होंने कहा, दोनों नेता भीड़ को समझाने गए थे, लेकिन इसे गलत समझा गया। राम माधव ने कहा, "1 मार्च को कठुआ में भारी भीड़ इकट्ठा थी और दोनों मंत्री भीड़ को शांत कराने पहुंचे थे। इसे गलत समझ लिया गया। इनका उद्देश्य जांच को प्रभावित करना नहीं था। उन पर प्रो-रेपिस्ट होने का जो आरोप लगाया जा रहा है, वह सरासर गलत है।" बता दें कि रेप आरोपियों का समर्थन करने के आरोप के चलते इन दोनों मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा ने शुक्रवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा, "कठुआ गैंगरेप केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। पुलिस ने जनवरी में जांच शुरू की और इसे पूरा करने में तीन महीने लगे। चार्जशीट फाइल हो गई है। सबूत मिटाने में शामिल पुलिस वाले के साथ-साथ कुल आठ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।" उन्होंने कहा, "मंत्रियों ने सोचा कि वे अपने पदों से इस्तीफा दे दें। हमने इस पर चर्चा की और निर्णय किया है कि आज मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इस्तीफा सौंप दिया जाए।"

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए राम माधव ने कहा, "कांग्रेस ने इस मुद्दे को राजनीतिक बनाने का प्रयास किया, उससे माहौल खराब हुआ। बहुत बड़ी घटना हुई है, इस मामले पर राजनीति न हो। लड़की की जान गई है वह तो नहीं आएगी। सभी को पूरा न्याय मिलेगा। धारणा बनाने का प्रयास हुआ कि जांच को प्रभावित करने का प्रयास हुआ, वह बिल्कुल गलत है।"

इस्तीफा देने वाली मंत्री चौधरी लाल सिंह के मुताबिक, ‘करीब 15 दिन पहले प्रवास के कारण उत्पन्न हुई स्थिति को शांत करने के लिए यह कदम उठाया गया। हमने उनसे कहा कि उन्हें वापस जाना चाहिए। अब्दुल गनी कोहली (मंत्री) को पीड़िता के घर भेजा गया था ताकि वहां अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।’ उन्होंने कहा , ‘मैं वहां गया, बाली और कोहली (मंत्री) लोगों की बात सुनने नौशेरा और सुंरदबनी गए। क्या हम उनकी बात न सुनें? हम लोगों के प्रतिनिधि क्यों हैं? क्या हम लोगों को राज्य में आग लगाने और मरने दें?’

Created On :   14 April 2018 4:38 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story