Corona Crisis: ICC के कार्यक्रम में बोले मोदी- देश में कोरोना समेत कई चुनौतियां, मुसीबत की दवाई सिर्फ मजबूती

Corona Crisis: ICC के कार्यक्रम में बोले मोदी- देश में कोरोना समेत कई चुनौतियां, मुसीबत की दवाई सिर्फ मजबूती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संकट और अनलॉक की प्रक्रिया के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने आज (11 जून) इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के 95वें सालाना कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आज पूरी दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है और इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। कोरोना वॉरियर्स के साथ भारत भी इससे लड़ रहा है, लेकिन हमारे देश में कोरोना समेत अन्य कई चुनौतियां भी हैं और इस वक्त मुसीबत की दवाई सिर्फ मजबूती है, मुश्किल वक्त में भारत हमेशा आगे बढ़कर सामने आया है।

पीएम मोदी ने कहा, कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन देश में अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं। कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं ओलावृष्टि,कहीं टिड्डी का कहर, कहीं आग तो कहीं छोटे-छोटे भूकंप। इन सबके बीच हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी बनाना है और आत्मनिर्भर भारत ही टर्निंग प्वाइंट है।

आत्मनिर्भरता के भाव को बरसों से हर भारतीय ने एक आकांक्षा की तरह जिया है। बीते 5-6 वर्षों में देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना क्राइसिस ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है- आत्मनिर्भर भारत अभियान। ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आजमाने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है। ये अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा...

- हमारे यहां कहा जाता है- मन के हारे हार, मन के जीते जीत यानि हमारी संकल्पशक्ति, हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर कम ही आते हैं। कभी-कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है। कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं, लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है। 

- किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने उत्पाद, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है।

- हर वो चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर है, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं का भारत निर्यातक कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है। लोकल प्रोडक्ट्स के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर हैं। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।

- 5-6 साल पहले एक LED बल्ब साढ़े तीन सौ रुपए से भी ज़्यादा में मिलता था आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हज़ार करोड़ रुपए बिजली के बिल में LED की वजह से बच रहे हैं। ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है।

बता दें कि नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची, गुवाहाटी, सिलीगुड़ी और अगरतला में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। 

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गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी लगातार अपना संबोधन दिया है। शुरुआत के दो लॉकडाउन का ऐलान पीएम ने खुद किया था। इसके अलावा मन की बात और अन्य कई कार्यक्रमों के जरिए वह लगातार अपनी बात देश के सामने रखते आए हैं। बीते गुरुवार यानी 4 जून को वर्चुअल शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से बात की थी। 

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मोदी ने मंगलवार (2 जून) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीआईआई के सालाना सत्र को संबोधित किया था। कोरोना संकट का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा था, ये इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि वो हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है। हमें भी एक तरफ इस महामारी से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने हैं दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था (Economy) का भी ध्यान रखना है। 

Created On :   11 Jun 2020 2:39 AM GMT

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