अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर मुस्लिम पक्षकार एकमत नहीं

Muslim parties unanimous on 5 acres of land in Ayodhya
अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर मुस्लिम पक्षकार एकमत नहीं
अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर मुस्लिम पक्षकार एकमत नहीं

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का निर्णय सुनाया है। इस पर मुस्लिम पक्षकार एकमत नहीं हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुछ पक्षकार जमीन न लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य इमरान माबूद खान ने कहा कि मस्जिद की जमीन के बदले दूसरी जगह पांच एकड़ जमीन देने की बात रिश्वत जैसी है, ताकि लोगों का ध्यान फैसले की खामियों से हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले ही नजीर बनते हैं।

उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने खुद स्वीकार किया है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण बाबर के कमांडर मीर बाकी ने 1528 में कराया था। 1857 से 1949 तक बाबरी मस्जिद का तीन गुंबद वाला भवन तथा मस्जिद का अंदरूनी सहन मुसलमानों के कब्जे व इस्तेमाल में रहा है। खान ने कहा कि कोर्ट ने बाबरी मस्जिद में 1857 से 1949 तक मुसलमानों का कब्जा तथा नमाज पढ़ा जाना भी मानते हुए 22, 23 दिसंबर, 1949 की रात राम की मूर्ति तथा अन्य मूर्तियों का बलपूर्वक रखा जाना अवैधानिक बताया। इसके बावजूद कोर्ट ने मस्जिद की जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए कहीं और पांच एकड़ जमीन स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है। संगठन प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो पांच एकड़ भूमि मस्जिद के लिए दी है, उसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को नहीं लेना चाहिए।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने कहा, हमें अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर नहीं है। बोर्ड का मानना है कि मस्जिद की जमीन अल्लाह की है और शरई कानून के मुताबिक वह किसी और को नहीं दी जा सकती। पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्जिद के बदले अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेने से भी साफ इनकार किया है।

हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस मसले पर साफ कह दिया है कि पांच एकड़ भूमि लेने या न लेने का फैसला उनकी बोर्ड मीटिंग में तय होगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी कहते हैं कि 26 नवंबर की बैठक में भूमि लेने या न लेने का फैसला हो जाएगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या में मिलने वाली पांच एकड़ भूमि में मस्जिद बनाने के साथ-साथ और क्या बनाया जा सकता है, इसके सभी विकल्पों पर विचार करेगा।

सूत्रों के अनुसार, जो प्रस्ताव आए हैं उनमें स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, म्यूजियम आदि से संबंधित हैं। कुछ प्रस्ताव ऐसे हैं, जिनमें पांच एकड़ भूमि पर दार्शनिक स्थल विकसित करने की बात है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मत फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। कोर्ट ने केन्द्र को निर्देश दिया है कि नई मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए।

 

Created On :   20 Nov 2019 5:00 PM IST

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