नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने बंद की 2.24 लाख कंपनियां

नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने बंद की 2.24 लाख कंपनियां
नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने बंद की 2.24 लाख कंपनियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी के बाद पिछले एक साल में 2.24 लाख निष्क्रिय कंपनियों को बंद कर दिया है। मोदी सरकार ने यह सब देश में कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए किया है। जिन 2.24 लाख कंपनियों पर गाज गिरी है, वो गत 2 साल से अधिक समय से निष्क्रिय थीं। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि ये कंपनियां कोई कारोबार नहीं कर रही थीं, बल्कि इनका इस्तेमाल काले धन को सफेद करने के लिए किया जा रहा था।

 

सरकारी जानकारी के अनुसार करीब 35,000 कंपनियों ने नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपये जमा कराए थे, जिसे बाद में निकाल लिया गया था। अभी तक 2.24 लाख निष्क्रिय कंपनियों का नाम आधिकारिक रिकॉर्ड से हटा दिया गया है और 3.09 लाख निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है। कंपनियों के बोर्ड में डमी निदेशकों की नियुक्त रोकने के लिए एक ऐसी व्यवस्था स्थापित की जा रही है जिसमें निदेशक के लिए नए आवेदनों को संबंधित व्यक्ति के पैन या आधार नंबर से जोड़ा जाएगा।

 

बता दें कि जिन कंपनियों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है वे अपनी संपत्तियां बेच न सकें, इस संबंध में भी केंद्र ने कदम उठाया है। केंद्र ने राज्यों से कहा कि ऐसी कंपनियां जो संपत्ति बेचना चाहती हैं, तो उसका पंजीकरण न किया जाए।

 

ये सभी कंपनियां दो या अधिक साल से निष्क्रिय थीं. बयान में कहा गया है कि बैंकों से मिली शुरुआती सूचना के अनुसार 35,000 कंपनियों से जुड़े 58,000 बैंक खातों में नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे, जिसे बाद में निकाल लिया गया. इसमें कहा गया है कि एक कंपनी जिसके खाते में 8 नवंबर, 2016 को को कोई जमा नहीं थी, ने नोटबंदी के बाद 2,484 करोड़ रुपये जमा कराए और निकाले.

 

मंत्रालय ने इस कंपनी की जानकारी आयकर विभाग, वित्तीय खुफिया यूनिट और रिजर्व बैंक को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दी है। सूत्रों ने कहा कि जिन कंपनियों ने वर्ष 2013-14 से लेकर 2015-16 तक अपने वार्षिक रिटर्न जमा नहीं किए हैं, उनके तीन लाख से अधिक निदेशकों को अयोग्य घोषित किया जा चुका है। इनमें तीन हजार निदेशक तो 20 से अधिक कंपनियों के बोर्ड में हैं।

 

पिछले साल नवंबर में सरकार ने कालेधन और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए 500 और 1,000 के नोटों को बंद कर दिया था. सरकार ने कहा कि एक कंपनी ऐसी थी जिसके 2,134 खाते थे. इस तरह की कंपनियों से संबंधित सूचनाओं को प्रवर्तन अधिकारियों से आगे की कार्रवाई के लिए साझा किया गया है. पंजीकरण रद्द कंपनियों के संदर्भ में राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि ऐसी इकाइयों की संपत्तियों के पंजीकरण की अनुमति नहीं दें।

Created On :   6 Nov 2017 12:29 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story