मायावती मामले पर BJP विधायक ने जताया खेद, कहा- किसी को कष्ट पहुंचाने की नहीं थी मंशा
- बसपा प्रमुख मायावती के लिए कह थे अपशब्द
- बीजेपी विधायक के विवादित बयान पर महिला आयोग ने पार्टी से मांगा जवाब
- शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी नेता ने दिया था विवादित बयान
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर साधना सिंह ने सफाई पेश की है। साधना ने कहा कि उनकी मंशा किसी को कष्ट पहुंचाने की नहीं थी। साधना ने कहा कि इससे पहले महिला आयोग ने बीजेपी विधायक को एक नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। बता दें कि शनिवार को चंदौली की एक सभा को संबोधित करते हुए मुगलसराय से विधायक साधना सिंह ने मायावती को लेकर कहा था कि मायावती न महिला हैं न पुरुष। साधना ने कहा था कि मायावती गेस्ट हाउस में हुआ उनका चीरहरण भूलकर समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है।
साधना ने कहा, "मैंने किसी को अपमानित करने के लिए नहीं बोला था, जो जनता की चर्चा रही, वो चर्चा मैंने रखी। मैं भी एक महिला हूं, इस नाते मेरे मन में एक बात है। मायावती ने इतना बड़ा कांड होने के बाद गठबंधन कर के महिला जाति का अपमान किया है। इतना बड़ा हादसा हुआ उनके जीवन में। मेरी मंशा सिर्फ और सिर्फ यही थी कि विगत 2 जून, 1995 को गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी ने जो मायावती जी की मदद की थी, उसे सिर्फ याद दिलाना था,न कि उनका अपमान करना था। यदि मेरे शब्दों से किसी को कष्ट हुआ है, तो मैं खेद प्रकट करती हूं।"
इससे पहले साधना सिंह ने चंदौली की एक सभा में कहा था, "मायावती को अपना सम्मान ही समझ में नहीं आता। एक चीरहरण हुआ था द्रौपदी का, तो उन्होंने दुशासन से बदला लेने की प्रतिज्ञा ली। वो एक स्वाभिमानी महिला थी, और एक आज की महिला है, सबकुछ लुट गया और फिर भी कुर्सी पाने के लिए अपने सारे सम्मान को बेच दिया। ऐसी महिला मायावती जी का हम इस कार्यक्रम के माध्यम से तिरस्कार करते हैं, जो नारी जात पर कलंक है।"
उन्होंने कहा, जिस दिन महिला का चीरहरण होता है, उसका ब्लाउज फट जाए, पेटीकोट फट जाए, साड़ी फट जाए, वो महिला सत्ता के लिए आगे आती है तो वो कलंकित है। उसे महिला कहने में भी संकोच लगता है। वो किन्नर से भी ज्यादा बदतर है क्योंकि वो तो न नर है, न महिला है।
साधना की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए बसपा नेता सतीशचंद्र मिश्रा ने कहा, साधना सिंह का बयान बीजेपी के गिरते स्तर को प्रदर्शित करता है। सपा और बसपा के गठबंधन के बाद बीजेपी नेताओं को दिमागी संतुलन गड़बड़ा गया है और उन्हें आगरा या बरेली के मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करा देना चाहिए।
बीजेपी विधायक के बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विट करते हुए कहा, मुगलसराय से भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द मायावती के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं। ये भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है। ये देश की महिलाओं का भी अपमान है। वहीं अलका लांबा ने कहा, कौन कहता है कि किन्नर बदतर होते हैं ? बदतर तो ऐसी सोच वाले होते हैं, माया तो नारी है,बस आजकल 56" के एक मर्द पर भारी है।
Created On :   20 Jan 2019 1:36 PM IST