इनडोर वायु प्रदूषण को लेकर तीन माह में कानून बनाये केंद्र

NGT says Center should make laws regarding indoor air pollution in three months
इनडोर वायु प्रदूषण को लेकर तीन माह में कानून बनाये केंद्र
एनजीटी इनडोर वायु प्रदूषण को लेकर तीन माह में कानून बनाये केंद्र
हाईलाइट
  • कहा - संयुक्त समिति की पहली बैठक एक माह के भीतर आयोजित की जायेगी

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह तीन माह के भीतर सार्वजनिक स्थानों पर इनडोर वायु प्रदूषण को लेकर कानून बनाये।

एनजीटी के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने सार्वजनिक स्थानों पर इनडोर वायु की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुये 19 अप्रैल को यह निर्देश दिया।

सार्वजनिक स्थान का मतलब वह जगह है, जहां लोगों की आवाजाही हो जैसे ऑडिटोरियम, होटल, प्रतीक्षालय, कन्वेंशन सेंटर, कार्यालय, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, शैक्षणिक संस्थान, लाइब्रेरी, खेल के मैदान आदि।

एनजीटी ने संबंधित मंत्रालयों खासकर शहरी मामलों के मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय की एक संयुक्त समिति गठित करने का निर्देश दिया है। इसकी नोडल एजेंसी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड होगी।

एनजीटी ने कहा है कि संयुक्त समिति की पहली बैठक एक माह के भीतर आयोजित की जायेगी। समिति को ईपी अधिनियम, ईपी नियम या वायु अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर इनडोर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये समुचित मानक तथा इनडोर वायु गुणवत्ता के प्रोटोकॉल बनाने होंगे।

संयुक्त समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या पर्यावरण मंत्रालय संबंधित वैधानिक प्रावधानों के तहत समुचित आदेश जारी कर सकता है।

एनजीटी ने सुनवाई के दौरान एक आलेख को उदधृत करते हुये कहा कि इनडोर वायु प्रदूषण से वहां काम कर रहे कर्मचारियों और वहां आने जाने वाले आम लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

आलेख के अनुसार, इनडोर वायु प्रदूषण बिल्िंडग मैटेरियल, फॉर्मलडिहाइड, आर्गेनिक कार्बन, एस्बेटस और कई तरह के हानिकारक गैस के कारण होता है।

एनजीटी ने इनडोर वायु गुणवत्ता को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों का भी उल्लेख किया।

(आईएएनएस)

Created On :   29 April 2022 2:00 PM GMT

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