पटना हाईकोर्ट का फैसला, 4 लाख नियोजित शिक्षकों को मिलेगी परमानेंट टीचर जैसी सैलरी

डिजिटल डेस्क, पटना। नियोजित शिक्षकों के लिए पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग सही है। कोर्ट के इस फैसले से बिहार के चार लाख शिक्षकों को लाभ पहुंचेगा। यानि अब नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों जैसी सैलरी मिलेगी।
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा है कि समान कार्य के लिए सरकार द्वारा समान वेतन नहीं देना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने समान कार्य के समान वेतन के सिद्धांत को लागू किए जाने के तहत 2006 के नियम के पूर्व नियोजित शिक्षकों की राज्य सरकारी स्कूलों के अन्य स्थायी शिक्षकों की तरह वेतन पाने की मांग को सही ठहराया है। कोर्ट के इस फैसले को राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी राहत के तौर देखा जा रहा है।
मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की बहाली के लिए 2006 में नियम बनाए थे लेकिन बाद में सरकार ने अनुमान्य मानदेय पर बहाल इन नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिए जाने की घोषणा की थी। यह वेतनमान स्थायी शिक्षकों से कम थी।
नियोजित शिक्षकों की ओर से वरीय अधिवक्ताओं राजेंद्र प्रसाद सिंह, पीके शाही, विश्वनाथ प्रसाद सिन्हा ने शिक्षकों को मिल रहे वेतन में भेदभाव करने का आरोप लगाया था। वहीं, सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति सरकार नहीं करती है। इसलिए समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत नियोजित शिक्षकों पर लागू नहीं होगा।
Created On :   31 Oct 2017 7:12 PM IST