MP में अब दूध की तरह बीयर भी पाश्चुराईज्ड मिलेगी
संजय प्रकाश शर्मा. भोपाल। मध्य प्रदेश में अब दूध की तरह मद्य पदार्थ बीयर भी पाश्चुराईज्ड मिलेगी। लंबे अरसे से दूध को अधिक समय तक सहेजकर रखने और रोगाणुमुक्त रखने के लिये उसे पाश्चुराईज्ड पैंकिंग में उपलब्ध कराया जाता है। इसी तरह बीयर को भी अब पाश्चुराईज्ड किया जाने लगा है। यह आम तौर पर केन में मिलेगी। इसके लिये राज्य सरकार ने नियमों में नया प्रावधान कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि मप्र आबकारी अधिनियम 1915 के तहत मप्र बीयर तथा वाईन नियम 2002 बनाये गये हैं। इसमें पीपों में ड्राट बियर देने का भी प्रावधान है। पीपों या ड्रम में ड्राट बियर अपाश्चुराईज्ड होती है तथा इसका उपयोग 72 घण्टों में करना जरुरी होता है अन्यथा यह खराब हो जाती है। पाश्चुराईजेशन में बीयर को एक निश्चित तापमान में रखना होता है जिससे उसमें मौजूद बैक्टिरिया मर जाते हैं। इससे यह लम्बे समय तक रखी जा सकती है। चूंकि विदेशों में ड्राट बीयर एवं केन बीयर पाश्चुराईज्ड होने लगी हैं इसलिये भारत में भी इसका प्रचलन बढ़ गया है। फिलहाल भारत में बीयर कंपनियां केन में पाश्चुराईज्ड बीयर बना रही हैं। ड्राट बीयर अभी भी आपश्चुराईज्ड ही है।
पाश्चुराईज्ड बीयर बनाने व उसे बेचने का अब तक नियमों में प्रावधान नहीं था। इसीलिये राज्य सरकार को अब मप्र बीयर एवं वाईन रुल्स 2002 में पाश्चुराईज्ड बियर का भी प्रावधान करना पड़ा है। अब नियमों में बीयर का अर्थ यह कर दिया गया है कि उसमें ड्राट बीयर सम्मिलित है जो सीलबंद पीपोंं या अन्य पात्रों जैसे केन में पैक की गई अपाश्चुरीकृत या पाश्चुरीकृत बीयर हो। अपाश्चुराईज्ड बीयर में खमीर यानी ईस्ट भी रहता है जो पाश्चुराईज्ड किये जाने से खत्म हो जाता है।
इनका कहना है :
‘‘पाश्चुराईज्ड बीयर के संबंध में अब तक नियमों में प्रावधान नहीं था जबकि अब कंपनियां केनों में भी इसकी सप्लाई कर रही है। अपश्चुराईज्ड बीयर को 72 घण्टों में उपयोग करना जरुरी होता है। दूध की तरह बीयर भी अधिक समय तक सहेजकर रखी जा सके इसीलिये नियमों में पाश्चुराईजेशन का भी प्रावधान कर दिया गया है ताकि कोई लीगल इश्यु न उठे। केनों में लिखा भी होगा कि यह पाश्चुराईज्ड है।’’
- वीके सक्सेना आबकारी उपायुक्त भोपाल
Created On :   18 May 2018 11:00 AM IST