'उल्टा टांगने' वाले बयान पर घिरे शिवराज, सिंधिया बोले नौकरशाही पर दोष मढ़ रहे सीएम

भास्कर ब्यूरो,भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के अफसरों के खिलाफ अभद्र भाषा के उपयोग करने की पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कड़ी निंदा करते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया है। सिंधिया ने कहा कि अफसरों को 'उल्टा टांगने जैसी बात कहना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह सीएम की हताशा को दर्शाता है। भाजपा के गैरजिम्मेदाराना कामकाज और शासन से ही राज्य में भ्रष्टाचार व्याप्त है और सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी नाकामियों का ठीकरा नौकरशाही के सर फोड़ रहे हैं।
सिंधिया ने कहा कि प्रदेश में कृषि और राजस्व विभाग में अराजकता और भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। भाजपा की गलत नीतियों के कारण आज किसान परेशान हैं और मुख्यमंत्री नौकरशाही पर दोष मढ़ कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को समझने और उन्हें राहत देने में नाकाम रही है।
मंदसौर की घटना के बाद हर कदम पर सरकार ने असंवेदनशीलता का परिचय दिया है। किसानों को लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने और कर्जमाफी के वादे से भी सरकार मुकर चुकी है। सिंधिया ने कहा कि लोकतंत्र में विधायिका और कार्यपालिका व्यवस्था के दो पहिए हैं। एक जिम्मेदार कार्यपालिका अच्छे प्रशासन की धुरी होती है, लेकिन मुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि मध्यप्रदेश में नौकरशाही बीजेपी के दबाव में काम कर रही है।
बता दें शनिवार को हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री जब पार्टी पदाधिकारियों से बात कर रहे थे तो दमोह के एक पदाधिकारी ने उनसे किसान आंदोलन के संदर्भ में कहा कि गांवों में राजस्व के मामले लटके पड़े हैं। इस व्यवस्था को ठीक करवाइए। इस पर शिवराज सिंह ने कहा कि मैं एक महीने बाद जिलों में जाऊंगा। अगर किसी भी जिले में अविवादित नामांतरण और सीमांकन का मामला लंबित मिला तो कलेक्टर को उल्टा टांग दूंगा। वे दोबारा कलेक्टर बनने लायक नही रहेंगे।
Created On :   24 July 2017 11:53 AM IST