मुद्रा योजना पर बोले चिदंबरम- इतने कम लोन से बस पकौड़ा स्टॉल लग सकता है

मुद्रा योजना पर बोले चिदंबरम- इतने कम लोन से बस पकौड़ा स्टॉल लग सकता है
हाईलाइट
  • इतने कम लोन में बड़ा तो क्या छोटा-मोटा निवेश भी नहीं किया जा सकता।
  • पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को मोदी सरकार की मुद्रा योजना को असफल करार देते हुए कहा है कि इस योजना के तहत बांटे गए लोन से बस पकौड़ा स्टॉल ही लगाया जा सकता है।
  • मुद्रा योजना के तहत बांटे गए लोन का औसत 43000 रुपए प्रति व्यक्ति है।

डिजिटल डेस्क, ठाणे। पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को मोदी सरकार की मुद्रा योजना को असफल करार देते हुए कहा है कि इस योजना के तहत बांटे गए लोन से बस पकौड़ा स्टॉल ही लगाया जा सकता है। महाराष्ट्र के ठाणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मुद्रा योजना के तहत बांटे गए लोन का औसत 43000 रुपए प्रति व्यक्ति है। इतने कम लोन में बड़ा तो क्या छोटा-मोटा निवेश भी नहीं किया जा सकता। इतनी रकम से बस एक पकौड़ा स्टॉल लगाया जा सकता है।"

अर्थव्यवस्था के तीन टायर पंक्चर

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस कार्यक्रम में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था के तीन टायर पंक्चर हो गए हैं। चिदंबरम ने कहा, "निजी निवेश, निजी खपत, निर्यात और सरकारी खर्चे एक अर्थव्यवस्था के चार ग्रोथ इंजन होते हैं। ये किसी कार के चार टायर की तरह होते हैं। इनमें से यदि एक या दो पंक्चर हो जाए तो अर्थव्यवस्था धीमी हो जाती है, लेकिन हमारे केस में तीन टायर पंक्चर हो गए हैं।" चिदंबरम ने कहा, "सिर्फ सरकारी खर्चे वाला टायर ही बचा हुआ है। इस खर्च को मेंटेन करने के लिए सरकार लगातार पेट्रोल, डीजल और एलपीजी पर टैक्स बढ़ाए जा रही है। जनसुविधाओं के नाम पर सरकार लोगों से टैक्स के रूप में पैसा निकालकर अपना खर्च चला रही है।"
 


निवेश न के बराबर

चिदंबरम ने कार्यक्रम में बैठे लोगों से पूछा कि क्या आपने पिछले सालों में पॉवर सेक्टर में या हजारों करोड़ की अन्य इंडस्ट्रियों में कोई निवेश होते देखा है? उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि 10 बड़ी कंपनियां जो दिवालिया घोषित हुईं हैं, उनमें से पांच स्टील प्लांट हैं। ऐसे में आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि इस सेक्टर में कोई निवेश आएगा।"

GST की पांच स्लैब कल्पना से बाहर

पूर्व वित्त मंत्री ने इस दौरान केन्द्र सरकार पर GST की पांच स्लैब रखने को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "नोटबंदी के बाद यह सरकार सेस के साथ पांच स्लैबों वाली GST ले आई। अन्य देशों में GST एक टैक्स सिस्टम होता है लेकिन हमारे यहां दो तरह से टैक्स वसूला जाता है। हमने जो GST की कल्पना की थी, उसमें पांच स्लैब बिल्कुल नहीं थी।"

 


आर्थिक संकट का सामना करने में नाकाम सरकार
चिदंबरम ने इस दौरान सरकार को आर्थिक संकट का सामना करने में भी नाकाम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामियों के चलते देश में आर्थिक संकट और गहराता गया। चिदंबरम ने यह भी बताया कि यूपीए सरकार की तुलना में एनडीए सरकार में निर्यात भी काफी कम हो गया है। उन्होंने बताया, "यूपीए के समय निर्यात व्यापार 315 यूएस डॉलर पर था जो पिछले साल आकर 303 यूएस डॉलर पर आ गया। इससे पहले वाले साल में यह 300 यूएस डॉलर भी नहीं पहुंच पाया था।"

 

Created On :   4 Jun 2018 8:48 AM IST

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