माता-पिता ने बेटी से की शादी की जबरदस्ती, कर्नाटक हाईकोर्ट ने उसे सरकारी सुविधा में भेजा
- गोवा में अपने रिश्तेदार के घर गई थी मजबूर लड़की
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक किशोरी की पढ़ाई करने की इच्छा को पूरा किया और उसे उसके माता-पिता से अलग सुरक्षा दी है, जो उसकी शादी करना चाहते थे। न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव और न्यायमूर्ति एस. रचैया की खंडपीठ ने शुक्रवार को लड़की की मां द्वारा दायर याचिका पर विचार करते हुए यह फैसला सुनाया। साढ़े 17 साल की लड़की अपने माता-पिता द्वारा शादी के लिए मजबूर किए जाने के बाद गोवा में अपने रिश्तेदार के घर गई थी।
लड़की के गायब हो जाने के बाद, उसकी मां ने लड़की को खोजने के लिए याचिका दायर की थी। अदालत के निर्देश के अनुसार, गडग जिले के लक्ष्मेश्वर थाना पुलिस ने लड़की का पता लगाया और उसे अदालत में पेश किया, जहां उसने अपने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया। सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि चूंकि लड़की को अपनी पढ़ाई बंद करने और माता-पिता द्वारा शादी करने के लिए मजबूर किया गया, इसलिए उसने घर छोड़ दिया था। लड़की ने अदालत को बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ नहीं जाना चाहती और उसने अलग रहने की अनुमति मांगी।
हालांकि, माता-पिता के वकील ने अदालत को बताया कि लड़की का अपहरण कर लिया गया है और पुलिस ने इस बात को छुपाया है। वकील ने आगे कहा कि उसे उसके माता-पिता के साथ भेजा जाना चाहिए क्योंकि वे उसे शादी करने या पढ़ाई बंद करने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने जब लड़की की राय पूछी तो उसने कहा कि वह अपने माता-पिता के साथ नहीं जाएगी और उनसे अलग ही रहेगी। पीठ ने कहा कि लड़की का भविष्य ज्यादा जरूरी है और पुलिस को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लड़की को सरकारी सुविधा में भेजने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि जब तक लड़की माता-पिता के पास जाने के लिए अपना मन नहीं बदल लेती, तब तक उसे निगरानी गृह में रखा जाना चाहिए और उसकी पढ़ाई जारी रखी जानी चाहिए। जब भी वह अपने माता-पिता के साथ जाना चाहती है, तो माता-पिता से एक लिखित निवेदन लिया जाएगा कि वे उसे नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। पीठ ने यह भी कहा कि अगर लड़की अपने माता-पिता से मिलना चाहती है तो उसकी मदद की जानी चाहिए।
(आईएएनएस)
Created On :   27 Nov 2021 3:00 PM IST