पायलट की याचिका प्री-मेच्योर, खारिज की जाए : सिंघवी

Pilots petition pre-mature, to be dismissed: Singhvi
पायलट की याचिका प्री-मेच्योर, खारिज की जाए : सिंघवी
पायलट की याचिका प्री-मेच्योर, खारिज की जाए : सिंघवी
हाईलाइट
  • पायलट की याचिका प्री-मेच्योर
  • खारिज की जाए : सिंघवी

जयपुर, 20 जुलाई (आईएएनएस)। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से जारी आयोग्यता के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस के बागी सचिन पायलट और 18 कांग्रेस विधायकों द्वारा दाखिल एक याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को कहा कि पायलट खेमे की याचिका प्री-मेच्योर है और इसलिए उसे खारिज किया जाना चाहिए।

सचिन पायलट खेमे की याचिका की सुनवाई राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह मोहंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ कर रही है।

सिंघवी ने मामले पर बहस करते हुए कहा, विधानसभा अध्यक्ष ने मात्र नोटिस दिया है, विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया है। विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को मात्र सीमित आधार पर चुनौती दी जा सकती है, पायलट खेमे द्वारा दायर याचिका में ऐसा कोई आधार नहीं है।

सिंघवी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी के अपने फैसले में कहा था कि कोर्ट विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, फिर ये बहस क्यों हो रही?

सिंघवी ने आगे कहा, विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस की कोई न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती। नोटिस बोलने की आजादी के खिलाफ नहीं है। पार्टी विरोधी गतिविधियां राजनीतिक पाप है और कानूनी रूप से भी गलत है।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नोटिस भेजे जाने के खिलाफ पायलट खेमे द्वारा दायर एक याचिका पर गुरुवार से सुनवाई चल रही है।

बागियों ने गुरुवार को अदालत में कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि खुलकर बोलने को पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं माना जा सकता।

याचिका में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी किए गए नोटिस की वैधता पर सवाल उठाया गया है और राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से दाखिल शिकायत को प्रेरित बताया गया है।

पायलट खेमे का नेतृत्व देश के दो बड़े वकील मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे कर रहे हैं, दूसरी ओर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं।

बागियों का कहना है कि उन्हें इस तरह का नोटिस नहीं दिया जा सकता, क्योंकि राजस्थान विधानसभा सत्र में नहीं है।

वकील हरीश साल्वे ने शुक्रवार को कहा था कि असंतुष्ट विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची में मौजूद दल बदल कानून को चुनौती देना चाहते हैं।

इसके बाद सुनवाई सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी और विधानसभा अध्यक्ष से कहा गया था कि वह मंगलवार तक कोई कार्रवाई न करें।

Created On :   20 July 2020 12:30 PM GMT

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