पिनाका रॉकेट सिस्टम का सफल परीक्षण, 44 सेकंड में दाग सकता है 72 मिसाइलें
डिजिटल डेस्क, पोखरण। भारत ने मंगलवार को पिनाका रॉकेट प्रणाली का राजस्थान के पोखरण रेंज में परीक्षण किया। यह रॉकेट पूरी तरह से देश में निर्मित है। रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पिनाका रॉकेट प्रणाली के दो परीक्षण किए गए, जो कि पूरी तरह से सफल रहा। बता दें कि पिनाका रॉकेट दूर से ही दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल सबसे पहले कारगिल युद्ध में किया गया था। कारगिल युद्ध में इस रॉकेट ने दुश्मन सेना की कई चौकियों को नष्ट कर दिया था। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने DRDO से इस रॉकेट को आधुनिक क्षमता के अनुसार अपग्रेड करने को कहा था।
Correction: Two tests of Pinaka guided extended range rockets were carried out by India at Pokhran Range, not Balasore as reported earlier. Error regretted https://t.co/cTLKifB7mt
— ANI (@ANI) March 11, 2019
पिनाका रॉकेट प्रणाली में एक मॉडर्न नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम है। इससे टारगेट सेट करने में काफी आसानी होती है। इस रॉकेट में एक टेलीमेट्री सिस्टम भी है, जिससे रॉकेट को ट्रैक और मॉनिटर भी किया जा सकता है। इस परीक्षण से पहले पिनाका रॉकेट की फाइटिंग रेंज 40 किमी थी। जबकि अपग्रेडेड पिनाका रॉकेट प्रणाली में यह रेंज बढ़कर 90 किमी तक हो गई है। पिनाका रॉकेट सिस्टम के एक बैटरी में कुल छह लॉन्चर होते हैं। हर एक लॉन्चर में करीब 12 रॉकेट होते हैं। एक बैटरी 44 सेकंड में कुल 72 मिसाइल लॉन्च कर सकती है।
पिनाका को पहली बार रक्षा मंत्रालय द्वारा 1981 में मंजूरी दी गई थी। इस रॉकेट सिस्टम को रूसी बीएम -21 "ग्रैड" लांचर की जगह भारतीय सेना में शामिल किया गया था। DRDO ने 1986 में इसको बनाना शुरु किया था और 1994 में इसे भारतीय सेना को सौंप दिया गया था। कारगिल युद्ध में पिनाका ने अहम भूमिका निभाई थी। ऊंचे स्थानों पर मौजूद दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में पिनाका ने काफी महत्वपूर्ण रोल अदा किया था।
Created On :   11 March 2019 8:11 PM IST