खराब रिश्तों से भारत में चीनी निवेश पर पड़ा असर, 3 साल में आधे से ज्यादा की कमी

Poor relations affect Chinese investment in India, less than half in 3 years
खराब रिश्तों से भारत में चीनी निवेश पर पड़ा असर, 3 साल में आधे से ज्यादा की कमी
खराब रिश्तों से भारत में चीनी निवेश पर पड़ा असर, 3 साल में आधे से ज्यादा की कमी
हाईलाइट
  • खराब रिश्तों से भारत में चीनी निवेश पर पड़ा असर
  • 3 साल में आधे से ज्यादा की कमी

नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारत से खराब हुए रिश्तों का असर चीनी कंपनियों के निवेश पर भी पड़ा है। पिछले तीन वर्षों के दौरान चीनी कंपनियों के भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भारी कमी आई है। इसका खुलासा वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर की ओर से सोमवार को लोकसभा में हुए एक सवाल के लिखित में दिए जवाब से हुआ है। जवाब के मुताबिक, 2017-18 में जहां 350 मिलियन डॉलर चीनी एफडीआई भारत हुआ था, वहीं 2019-20 में यह घटकर आधे से भी कम 163.77 मिलियन डॉलर हो गया है।

दरअसल, लोकसभा सांसद एकेपी चिनराज और एस जगतरक्षकन ने वित्तमंत्री से पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कुल चीनी कंपनियों के निवेश के बारे में सवाल पूछा था। इस सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले तीन वित्तवर्ष में चीनी कंपनियों की एफडीआई का ब्यौरा दिया।

उन्होंने बताया कि 2017-18 में 350.22 मिलियन डॉलर की एफडीआई भारत को मिली, वहीं अगले साल घटकर 2018-19 में 229.0 मिलियन डॉलर हो गई। जबकि 2019-20 में चीन से भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भारी कमी आई। इस वर्ष सिर्फ 163.77 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ।

सांसदों ने यह भी पूछा था कि क्या सरकार का किसी भी चीनी फर्म को भारत में निवेश करने की अनुमति नहीं देने का विचार है? इस पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लिखित जवाब में ऐसी किसी बात से इन्कार किया।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण भारतीय कंपनियों के टेकओवर व अधिग्रहण के अवसरों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने प्रेस नोट 3,2020 जारी किया है। उन क्षेत्रों और गतिविधियों जिन्हें प्रतिबंधित किया गया है, को छोड़कर एफडीआई नीति के तहत कोई गैर निवासी इकाई भारत में निवेश कर सकती है।

एनएनएम/एसजीके

Created On :   14 Sep 2020 8:31 PM GMT

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