राष्ट्रपति ने सुनी केरल के बच्चे की गुहार, दिया गांव को बचाने का निर्देश

President listens to Kerala child, instructs to save village
राष्ट्रपति ने सुनी केरल के बच्चे की गुहार, दिया गांव को बचाने का निर्देश
राष्ट्रपति ने सुनी केरल के बच्चे की गुहार, दिया गांव को बचाने का निर्देश
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  • राष्ट्रपति ने सुनी केरल के बच्चे की गुहार
  • दिया गांव को बचाने का निर्देश

नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। कोविड 19 और समुद्री कटाव से जूझते केरल के तटीय गांव को बचाने के लिए एक 14 वर्षीय बच्चे की कोशिशें रंग लाई हैं। 10वीं में पढ़ने वाले एडगर सेबस्टियन के पत्र को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल सरकार को गांव को आपदा से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

राष्ट्रपति को लिखे पत्र में छात्र ने उन्हें आखिरी उम्मीद बताते हुए कहा था कि समंदर की लहरों में उसके और दोस्तों की किताबें बह गईं। गांव को बचाने के लिए समुद्री दीवार बनाना बहुत जरूरी है।

राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, केरल के 14 वर्षीय छात्र के पत्र को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रपति के सचिव केडी त्रिपाठी ने न केवल केरल के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है, बल्कि राज्य के गवर्नर के सेक्रेटरी से भी फोन पर बात करते हुए गांव के लोगों की सहायता करने के लिए कहा है। 14 वर्षीय बालक ने 25 जुलाई को राष्ट्रपति को पत्र लिखा था।

दरअसल, केरल के कोच्चि में चेल्लनम तटीय गांव है। यहां कोरोना का प्रकोप है। सैंकड़ों केस अब तक आ चुके हैं। वहीं बीते 16 जुलाई से शुरू हुए समुद्री कटाव के कारण लहरें गांव में पहुंचकर घरों को नष्ट कर रहीं हैं। कोरोना और समुद्री कटान के कारण सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। इन्हीं परिवारों में से 14 वर्षीय एडगर सेबस्टियन का भी परिवार है।

सेबस्टियन ने बीते 25 जुलाई को लिखे पत्र में राष्ट्रपति से मदद की गुहार लगाते हुए लिखा, मेरा गांव चेल्लनम आपदाओं की चपेट में है, लेकिन हमारी मदद करने वाला कोई नहीं है। हर साल, दो बार मेरे माता-पिता मुझे लेकर घर से भाग जाते थे। गर्मियों और मानसून के समय समुद्री कटाव के कारण समंदर का पानी घरों में घुस जाता है। हमेशा की तरह हम इस बार भी अपने रिश्तेदार के घर जाने के लिए तैयार थे लेकिन नहीं जा पाए। क्योंकि हमारे क्षेत्र में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है। इस बीच 16 जुलाई से समुद्री कटाव की चपेट में गांव आ गया।

सेबस्टियन ने आगे लिखा, मैंने पढ़ा है कि अरब सागर भारत की सीमाओं में से एक है। मेरा मानना है कि आपके पास सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। आप मेरी आखिरी उम्मीद हैं। गांव को लहरों से बचाने के लिए समुद्री दीवार बनाने में मदद करें।

जैसे ही राष्ट्रपति के संज्ञान में यह पत्र आया तो उन्होंने तुरंत इसे गंभीरता से लेते हुए अपने स्टाफ को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिस पर राष्ट्रपति के सचिव केडी त्रिपाठी ने केरल के मुख्य सचिव को पत्र लिखा। वहीं उन्होंने राज्यपाल के सेक्रेटरी से फोन पर बात कर भी गांव की मदद करने के निर्देश दिए हैं। यह जानकारी आईएएनएस को राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने दी है।

Created On :   28 July 2020 8:30 PM IST

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