धर्मगुरुओं ने की शहीदों के लिए दुआ, वॉर मेमोरियल में देखें जवानों का शौर्य...

धर्मगुरुओं ने की शहीदों के लिए दुआ, वॉर मेमोरियल में देखें जवानों का शौर्य...
हाईलाइट
  • 1960 में आया था प्रस्ताव
  • मोदी सरकार ने 4 साल पहले निर्माण को दी थी मंजूरी।
  • 25
  • 942 शहीदों की याद में बनाया गया है नेशनल वॉर मेमोरियल।
  • आज नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वतन के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी देने वाले वीर जवानों की याद में बनाए गए नेशनल वॉर मेमोरियल का सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। इस दौरान सभी धर्मों के गुरुओं ने शहीद जवानों को लिए दुआ की। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रहित मेरे लिए सबसे पहले है। देश की सुरक्षा के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि भारत में राफेल न आ सके इसकी पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन राफेल भारत आकर ही रहेगा। 

पीएम मोदी ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले की परतें खुलती जा रही हैं, जिसमें एक परिवार घिरता हुआ नजर आ रहा है, इसलिए राफेल सौदा रोकने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि आजादी के बाद युद्धों और स्वतंत्रता आंदोलन में जान देने वाले करीब 26 हजार सैनिकों के सम्मान में इंडिया गेट के सामने नेशनल वॉर मेमोरियल और नेशनल वॉर म्यूजियम बनाए गए हैं। सशस्त्र बलों की तरफ से ऐसे राष्ट्रीय स्मारक की मांग दशकों से की जा रही थी।

 

पहली बार 1960 में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव सशस्त्र बलों की ओर से दिया गया था। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दूसरे साल यानी 2015 में इसके निर्माण की मंजूरी दी और 2017 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। स्मारक को बनाने में लगभग 176 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
 

  • इस स्मारक में आजादी के बाद 1947-48, 1962 में भारत-चीन से युद्ध, 1965 में भारत-पाक युद्ध, 1971 में बांग्लादेश निर्माण, 1999 में कारगिल और अन्य ऑपरेशन में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में इसे बनाया गया है। इसमें तीनों सेनाओं के जवान को श्रद्धांजलि दी गई है। 
     
  • यह वॉर मेमोरियल इंडिया गेट के पास 40 एकड़ भूमि पर ‘सी हैक्सागान’ में बनाया गया है। स्मारक आजादी के बाद शहीद हुए 25, 942 सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है।
     
  • वॉर मेमोरियल में एक त्याग चक्र बना है, जिसमें 16 दीवार हैं, जो कि शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाई गई है। इस पर सभी सैनिकों के सुनहरे अक्षरों में नाम लिखे गए हैं।
     
  • एक वीरता चक्र भी बना है, जिसमें तीनों सशस्त्र सेनाओं की ओर से लड़ी गई लड़ाइयों को दिखाया गया है।

आपको बता दें कि इससे पहले ब्रिटिश सरकार ने पहले विश्व युद्ध और अफगान कैंपेन के दौरान शहीद हुए करीब 84 हजार भारतीय सैनिकों की याद में इंडिया गेट का निर्माण करवाया था। इसमें 1971 में शहीद हुए जवानों की याद में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी।
 

Created On :   25 Feb 2019 9:55 AM IST

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