प्रियंका गांधी देंगी इस्तीफा ! सिंधिया के पद छोड़ने के बाद बढ़ा दबाव

प्रियंका गांधी देंगी इस्तीफा ! सिंधिया के पद छोड़ने के बाद बढ़ा दबाव
हाईलाइट
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया के पद छोड़ने के बाद बड़ा दबाव
  • प्रियंका गांधी देंगी इस्तीफा !
  • सिंधिया के साथ प्रियंका भी मिली यूपी में 42 सीटों की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में लगातार इस्तीफों का दौर जारी है। इस कड़ी में पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद प्रियंका गांधी पर दबाव बढ़ता नजर आ रहा है। पार्टी के कई दिग्गज नेता चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने के बाद पद छोड़ चुके हैं। खुद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। ऐसे सवाल खड़ा होता है कि क्या प्रियंका गांधी भी नैतिक रुप से हार की जिम्मेदार लेते हुए महासचिव पद से इस्तीफा देंगी ? 

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक साथ महासचिव बनाते हुए उत्तर प्रदेश राज्य की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रियंका को पूर्वी यूपी का प्रभारी बनाते हुए 42 सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं सिंधिया को पश्चिम यूपी का प्रभारी नियुक्त करते हुए 38 सीटों का जिम्मा सौंपा था। कांग्रेस को प्रियंका और सिंधिया से बेहतर नतीजों की उम्मीद थी, लेकिन 80 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में कांग्रेस सिर्फ अपना एक गढ़ रायबेरली ही बचा सकी। वहीं राहुल गांधी को भी अमेठी सीट पर हार का सामना करना पड़ा। 

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रियंका गांधी भी अपने पद से इस्तीफा देंगी, क्योंकि सिंधिया की तरह उनकी भी जिम्मेदारी बनती है ? सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद प्रियंका गांधी पर भी दबाव बढ़ गया है, क्योंकि दोनों नेता एक साथ महासचिव बनाए गए थे। कांग्रेस के एक ही कमरे में दोनों नेता बैठते थे और एक साथ ही उत्तर प्रदेश में चुनाव अभियान की शुरुआत की थी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रियंका गांधी भी पूर्वी यूपी में हार की जिम्मेदारी लेंगी और महासचिव पद और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी पद से इस्तीफा देंगी।

बता दें कि प्रियंका गांधी के कंधों पर अमेठी संसदीय सीट की जिम्मेदारी भी थी। प्रियंका ने अमेठी में चुनाव प्रचार ही नहीं बल्कि संगठन में नियुक्त से लेकर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन का काम भी किया। इस चुनाव में ही नहीं बल्कि 2004 से ही वह काम देख रही थीं। इसके बावजूद अमेठी का किला नहीं बचा सकीं। वहीं, प्रियंका गांधी के प्रभार वाले इलाके में राहुल गांधी अमेठी और श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर से ऐसे उम्मीदवार रहे, जिनकी जमानत बची थी। वहीं सिंधिया की जिम्मेदारी वाले 38 संसदीय सीटों में से महज इमरान मसूद ही अपनी जमानत बचाने में सफल थे।

Created On :   8 July 2019 4:45 AM GMT

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