तमिलनाडु में मंदिर के सोने को सलाखों में ढालने पर रोक लगाई

Prohibition on converting temple gold into bars in Tamil Nadu
तमिलनाडु में मंदिर के सोने को सलाखों में ढालने पर रोक लगाई
मद्रास हाईकोर्ट तमिलनाडु में मंदिर के सोने को सलाखों में ढालने पर रोक लगाई

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई, जिसके तहत मंदिर के सोने को पिघलाकर सलाखें बनाने के बजाय उसे बैंकों में जमा किया गया। इस कदम के साथ, एचआर एंड सीई विभाग बैंकों से ब्याज के रूप में बड़ी राशि अर्जित करने की योजना बना रहा था। याचिकाकर्ता सरवनन और गोपालकृष्णन द्वारा दायर याचिकाओं पर मद्रास हाईकोर्ट द्वारा निर्देश पारित किया गया। याचिकाकर्ताओं ने केंद्र के 9 सितंबर के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था।

मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति पी.डी. आदिकेशवलु ने निर्देश दिया कि न्यासियों से स्टाम्प की स्वीकृति आवश्यक है। अदालत ने इन मंदिरों में इन्वेंट्री का निरीक्षण पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाने का भी आदेश दिया। एचआर एंड सीई विभाग ने पहले मंदिरों में प्राप्त 2137 किलोग्राम अप्रयुक्त सोने के गहनों को 24 कैरेट सोने की सलाखों को दान करने और उन्हें राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा करने की योजना बनाई थी। अर्जित ब्याज का उपयोग मंदिरों के जीर्णोद्धार और रखरखाव के लिए किया जाना था।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 13 अक्टूबर को कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसका दक्षिणपंथी संगठनों ने कड़ा विरोध किया था। हालांकि, द्रमुक सरकार ने कहा था कि यह 1977 से चलन में थी और 500 किलोग्राम मंदिर के गहनों को पिघलाकर बैंकों में जमा किया गया था, जिससे 11 करोड़ रुपये का ब्याज मिला। हालांकि, मद्रास उच्च न्यायालय का आदेश स्टालिन सरकार के बयान का खंडन है और यह देखना होगा कि क्या राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय में अपील के लिए जाएगी।

(आईएएनएस)

Created On :   28 Oct 2021 8:30 PM IST

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