पिंटो परिवार को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं जज, सुनवाई से इनकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को हुई प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के बाद अब पिंटो फैमिली की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ सकती है। पिंटो फैमिली ने बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन इस याचिका पर सुनवाई करने से हाईकोर्ट के जज ने मना कर दिया है। जज का कहना है कि वो पिंटो फैमिली को पर्सनली जानते हैं, जिस वजह से वो इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते।
अब आगे क्या होगा?
पिंटो फैमिली की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जज एबी चौधरी ने ये कहते हुए मना कर दिया कि वो पिंटो फैमिली को पर्सनली जानते हैं। जज के मना करने के बाद अब ये मामला हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को ट्रांसफर कर दिया जाएगा और अब इस मामले की सुनवाई के लिए अलग से बेंच बनाई जाएगी।
कब की थी याचिका दायर?
8 सितंबर को रेयान इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युम्न की हत्या के बाद स्कूल के मालिक ऑगस्टिन पिंटो, ग्रेसी पिंटो और रेयान पिंटो के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए पिंटो फैमिली ने पिछले हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद पिंटो फैमिली ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करने से हाईकोर्ट के जज ने मना कर दिया है।
कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
प्रद्युम्न मर्डर केस में आरोपी कंडक्टर को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बाद स्कूल के नॉर्दन जोन के हेड फ्रांसिस थॉमस समेत दो बड़े अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं फ्रांसिस थॉमस 29 सितंबर तक ज्यूडिशियल रिमांड पर है और उनसे पूछताछ की जा रही है। जिसके बाद से पिंटो फैमिली पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इससे बचने के लिए ही पिंटो फैमिली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर कर रही है। आपको बता दें कि इस मामले में पिंटो फैमिली के खिलाफ IPC के सेक्शन-302, आर्म्स एक्ट के सेक्शन-25, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के सेक्शन-75 और पोस्को एक्ट के सेक्शन-12 के तहत FIR दर्ज की गई है।
सुप्रीम कोर्ट से भी मिल चुका है झटका
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पिंटो फैमिली को झटका मिल चुका है। दरअसल, फ्रांसिस थॉमस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले को गुरुग्राम हाईकोर्ट से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी। जिस पर सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया। इसका मतलब कि अब इस मामले की सुनवाई अब गुरुग्राम में ही की जाएगी।
Created On :   19 Sept 2017 12:25 PM IST