शुभ रहा राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना, एक साल में बदल दी दशा और दिशा

rahul gandhi completes one year as congress president
शुभ रहा राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना, एक साल में बदल दी दशा और दिशा
शुभ रहा राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना, एक साल में बदल दी दशा और दिशा
हाईलाइट
  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कांग्रेस चीफ के रूप में एक साल पूरे कर लिए हैं।
  • कांग्रेस ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से तीन राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी को निकाल फेंका है।
  • चीफ के रूप में एक साल राहुल के लिए कामयाबी और खुशियां लेकर आया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राहुल गांधी ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एक साल पूरे कर लिए हैं। चीफ के रूप में एक साल राहुल के लिए कामयाबी और खुशियां लेकर आया। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से तीन राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी को उखाड़ फेंका है। इसके साथ ही कई लोक सभा और विधानसभा उप चुनावों में उनकी पार्टी ने जीत हासिल की। जबकि कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी ने जेडी (एस) के साथ मिलकर सरकार बनाई। आइए जानते हैं कैसा रहा राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एक साल का कार्यकाल...

राहुल गांधी को पिछले साल 16 दिसंबर को उनकी मां और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया था। 48 वर्षीय राहुल गांधी-नेहरू परिवार से ताल्लुक रखने वाले पांचवें कांग्रेस अध्यक्ष हैं। राहुल गांधी की कामयाबी कोई छोटी नहीं है। उन्होंने कांग्रेस की कमान उस वक्त संभाली थी, जब पूर देश में बीजेपी "कांग्रेस मुक्त भारत" के नारे लगा रही थी। राहुल गांधी ने एक साल में न सिर्फ कांग्रेस को बचाए रखा, बल्कि कांग्रेस में एक नई जान भी फूंक दी। इस बात का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी पार्टी ने एक साल में तीन बड़ राज्यों, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को तीन नए मुख्यमंत्री दिए हैं। 

राहुल के लीडरशिप में कांग्रेस के जीत की शुरुआत उसी वक्त हो गई थी, जब पार्टी ने जनवरी 2018 में अलवर और अजमेर में हुए उप चुनाव में बीजेपी के दो गढ़ों में जीत हासिल की थी। हालांकि वह उस वक्त मेघालय में हुए चुनाव में अपनी पार्टी को हारने से नहीं बचा पाए। नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मेघालय में सत्तारुढ़ कांग्रेस और UDP के गठबंधन को हरा दिया था। कांग्रेस भले ही हार गई, लेकिन पार्टी का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ। इसके बाद पार्टी को सबसे बड़ी जीत मई में मिली, जब कांग्रेस ने जनता दल सेक्युलर के साथ मिलकर कर्नाटक में सरकार बनाई। इस जीत से राहुल ने न केवल सत्तापलट किया, बल्कि उन्होंने पार्टी के इमेज को भी सुधारने का काम किया। वहीं अभी हुए मिजोरम विधासभा चुनाव में भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा, लेकिन तीन राज्यों में बड़ी जीत की खुशी के आगे यह फीकी पड़ गई।

राहुल की सधी हुई राजनीति का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने बीते एक साल में कांग्रेस के सिर्फ मुसलमानों के सपोर्ट वाले छवि को बदल दिया है। राहुल ने इस दौरान कई मंदिरों का भी भ्रमण किया और खुद को भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त बताया। इसके लिए उन्होंने कैलाश मानसरोवर की यात्रा भी की। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सोशल मीडिया पर भी छाई रही, जिस पर एक वक्त सिर्फ बीजेपी का राज हुआ करता था। यह उनकी स्ट्रट्जी ही है कि कांग्रेस ने आने वाले समय में बीजेपी को हराने के लिए महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि उनका यह पैंतरा कितना कामयाब होगा, लेकिन इन तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत ने यह तो बता दिया है कि बीजेपी के लिए 2019 में होने वाला आम चुनाव आसान नहीं होने वाला है। राहुल गांधी और कांग्रेस इसके लिए पूरी तरह तैयार है।

Created On :   16 Dec 2018 12:23 PM GMT

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