मांगी फायरगन, थमा दिया डंडा, जान हथेली पर रख चलते हैं ट्रैकमैन

सचिन मोखारकर ,नागपुर। जान हथेली पर रख जंगलों से गुजरती ट्रेन को हैंडल करते हैं रेलवे के ट्रैक मैन। इन कर्मियों ने फायर गन की मांग की तो इन्हें डंडा थमा दिया गया। मध्य रेलवे नागपुर मंडल के रेल मार्ग का कुछ भाग जंगलों से होकर गुजरता है। जंगल होने के कारण अक्सर जंगली जानवर बाघ, भालू रेल ट्रैक पर आ जाते हैं। इससे रेल कर्मचारियों पर हमले का भय बना रहता है। हाल ही में गश्त के दौरान एक भालू ने ट्रैकमैन पर घातक हमला कर दिया था। घायल ट्रैकमैन के चेहरे पर 23 टांके लगाने पड़े थे। इस घटना के बाद रेलवे ने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग से फायर गन की मांग की थी, जिससे फायर की आवाज से जंगली जानवरों को भगाया जा सके, लेकिन वन विभाग ने बंदूक की रेलवे को डंडा थमा दिया है। डंडे की बदौलत रेलकर्मी कितना सुरक्षित होंगे यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
घने जंगलों में अक्सर बना रहता है खतरा
मध्य रेल नागपुर मंडल अंतर्गत घोडाडोंगरी, किरतगढ़, केसला, मरामझरी आदि सेक्शन में रेल मार्ग घने जंगलों से होकर गुजरता है। इन पटरियों की मरम्मत के लिए सैकड़ों गैंगमैन काम करते हैं। घना जंगल होने के कारण अक्सर जंगली जानवर रेल पटरियों के किनारे आ जाते हैं। ऐसे में गैंगमैनों को जान बचाना मुश्किल हो जाता है। हाल ही में केसला के पास एक गैंगमैन पर मादा भालू ने हमला कर उसे बुरी तरह से जख्मी कर दिया था। वहां अन्य गैंगमैन थे, लेकिन किसी प्रकार का हथियार उनके पास नहीं होने से वे आक्रामक भालू को रोक नहीं पाए थे। भालू गैंगमैन को जंगल में खींच ले गई और बुरी तरह से उसे जख्मी कर दिया था। गैंगमैन को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो उसे लगभग 150 से ज्यादा टांके लगाये गए थे।
हादसा टालने किए ये उपाय
घटना ने ट्रैकमैन की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे। ऐसे में कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर खुद मंडल रेल प्रबंधक ने वन विभाग से चर्चा कर संवेदनशील घाट सेक्शनों में गैंगमैन को पेट्रोलिंग के लिए जिप्सी व साउंड फायर गन देने की मांग वन विभाग से की थी। लगभग 20 से 30 गन खरीद कर यूनिट प्रमुख के पास रखा जानेवाला था, ताकी इस तरह का कोई हादसा होने पर इसे टाला जा सके, लेकिन वन विभाग ने बंदूक की जगह प्रशिक्षण देकर कुछ कर्मचारियों को डंडा थमा दिया है, जिसकी साहायता से वह खुद की रक्षा करें।
दिया गया है प्रशिक्षण
घटना की गंभीरता को देखते हुए हमारी ओर से वन विभाग से बंदूक की मांग की गई थी, लेकिन उनके द्वारा हादसों से निपटने के लिए कुछ कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही टॉर्च, डंडा व मिर्ची दी गई है। आपातकाल स्थिति में इनका प्रयोग कर जान बचाई जा सकती है।
बृजेश कुमार गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक, मध्य रेलवे नागपुर मंडल
Created On :   14 March 2018 11:48 AM IST