ट्रेन में हादसे का शिकार होने वाला यात्री मुआवजे का हकदार : SC
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ट्रेन में चढ़ते या उतरते वक्त हादसे का शिकार होने पर अब यात्री को मुआवजा दिया जाएगा । सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को आदेश देते हुए कहा है कि अगर ट्रेन में चढ़ते या उतरते वक्त कोई यात्री किसी अप्रिय घटना का शिकार होता है जिसमें उसकी मौत हो जाती है या फिर वो घायल हो जाता है तो ऐसी स्थिति में वो मुकावजेे का हकदार है और उसे रेलवे को मुआवजा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हादसे को यात्री की लापरवाही नहीं माना जा सकता है।
टिकट न होने पर भी घायल मुआवजे का हकदार
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कहा है कि अगर टिकट नहीं है तो भी उसे मुआवजा देने से इंकार नहीं किया जा सकता है। जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस रोंहसुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्री के पास टिकट के न होने पर उसे मुआवजा देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस रोहिंनटन एफ नरीमन की पीठ ने यह निर्णय दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि "अपनी कोशिश के कारण घायल" होने की परिभाषा के पीछे ऐसा करनेवालों की मूल भावना को समझना होगा। मुआवजे की मांग को अस्वीकार करने के लिए यात्री की लापरवाही का एक ग्राउंड हो सकता है, लेकिन रेलवे के परिसर में होने वाली ऐसी दुर्घटनाओं पर मुआवजा नहीं देने के लिए इसे आधार नहीं मा जा सकता।
कई कोर्ट कर चुके हैं सुनवाई
आपको बता दें कि रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 124A के तहत, अगर कोई यात्री रेल में आत्महत्या या आत्महत्या की कोशिश करता है या फिर खुद को जान-बूझकर चोट पहुंचाने की कोशिश करता है तो इसे यात्री का अपराध माना जाता है। रेलवे के इस एक्ट के खिलाफ देशभर के कई हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है और अलग-अलग हाईकोर्ट ने इस पर अपना अलग-अलग फैसला सुनाया है। कुछ कोर्ट ने इस मामले में यात्रियों को मुआवजे का हकदार माना था तो कुछ ने इसे रेलवे की लापरवाही मानने से इंकार किया था। अलग-अलग कोर्ट की ओर से अलग-अलग फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अब इसस मामले पर फैसला देकर विराम लगा दिया है।
Created On :   10 May 2018 11:51 AM IST