RSS, VHP और शिवसेना अयोध्या में करेंगे कूच, इकबाल अंसारी बोले- फिर हो सकते 1992 जैसे हाल

RSS, VHP और शिवसेना अयोध्या में करेंगे कूच, इकबाल अंसारी बोले- फिर हो सकते 1992 जैसे हाल
हाईलाइट
  • खुद के साथ मुस्लिम भाईयों की जान को बताया खतरा
  • राम मंदिर विवाद को लेकर 25 नंबवर को RSS
  • VHP और शिवसेना अयोध्या में करेंगे कूच
  • राममंदिर विवाद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने मांगी सुरक्षा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राम मंदिर विवाद को लेकर अयोध्या में 25 नंबवर को आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद बड़ी रैली करने वाले है। इसी दिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या पहुंच रहे है। ऐसे में रामजन्मभूमि विवाद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने अपनी जान को खतरा बताया है। अंसारी ने कहा, 25 नंबवर को यहां आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद् रैली करने वाले है। जिससे यहां भीड़ बढ़ने की पूरी संभावना है। इकबाल अंसारी का कहना है कि डर सता रहा है कि भीड़ से आगजनी और तोड़फोड़ ना हो जाए और इसीलिए उन्होंने 24 तारीख को अयोध्या से पलायन करने की बात कही है। अंसारी ने ये भी कहा, डर हमें इस बात का है कि अगर अयोध्य़ा में भीड़ बढ़ती है तो हम लोगों का नुकसान होने से कोई नहीं रोक सकता। भीड़ नियंत्रण से बाहर रहती है और नेताओं का नियंत्रण नहीं रहता अगर कोई नुकसान होगा तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?

 

 

इकबाल अंसारी ने कहा, ""हम तो खुद घबराए हुए हैं कि अयोध्या में भीड़ बढ़ेगी तो क्या होगा, हम करेंगे क्या यहां अकेले ? यह वही लोग हैं जिन्होंने 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी थी, कोई भी मुसलमान मस्जिद को बचाने वहां नहीं गया लेकिन फिर भी मुसलमानों घर में लूटपाट तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया। अंसारी का कहना है कि मौजूदा समय में उनसे मिलने के लिए कई लोग आते हैं जिसमें बहुत लोगों को वो नहीं जानते हैं। सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। लेकिन वो काफी नहीं है। वो बार-बार सरकार से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। अगर उनकी सुरक्षा के साथ समझौता किया गया तो वो 25 नवंबर से पहले अयोध्या छोड़े देंगे।

इकबाल अंसारी का कहना है कि 1992 में उनके घर को जला दिया गया था। ये बात अलग है कि वो या उनका परिवार विवादित जगह पर नहीं गया था। वो अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अयोध्या में सभी हिंदू और मुसलमानों की सुरक्षा की मांग करते हैं। अगर 25 नवंबर को 1992 की तरह लोग भारी संख्या में अयोध्या आते हैं उनकी और मुसलमान भाइयों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम होना चाहिए। 

 

गौरतलब है कि राममंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी सरकार पर शिवसेना, आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद लगातार हावी नजर आ रहे है। हाल ही में आरएसएस ने अपने एक कार्यक्रम में राम मंदिर को लेकर बीजेपी सरकार से अध्यादेश लाने की बात कही थी। बुधवार को शिवसेना ने अपने पत्र सामना में छपे लेख में एक फिर केंद्र सराकर पर हमला बोला था। सामना में लिखा कि ठाकरे परिवार का कोई सदस्य अयोध्या में रामलला के दर्शन करने आ रहा है, यह खबर आम होते ही पूरे उत्तर हिंदुस्तान में उत्साह की लहर है। सामना में यह भी लिखा कि शिवसेना की घोषणा के बाद से ही उत्साह का माहौल है, भगवान राम का सदियों का ‘वनवास’ खत्म होने की आस है। सरकार पिछले 4 वर्षों से राम मंदिर के मुद्दे को भुलाए बैठी है। 

Created On :   15 Nov 2018 10:04 AM IST

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