- विश्व आर्थिक फोरम में बोले पीएम मोदी- 12 दिन में 23 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगा
- गाजीपुर बॉर्डर: किसानों के टेंट हटाए जा रहे, थोड़ी देर में सरेंडर कर सकते हैं राकेश टिकैत
- कोलकाता: बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को हाल जानने अपोलो हॉस्पिटल पहुंचीं सीएम ममता बनर्जी
- राहुल गांधी ने किसी को लाल किले पर चढ़ने के लिए नहीं कहा था: कैप्टन अमरिंदर सिंह
- देश में कोरोना के मामलों में गिरावट, 1,75,000 एक्टिव केस: स्वास्थ्य मंत्रालय
रेड्डी ने अब्दुल सलाम की सास से की मुलाकात, सरकारी समर्थन का दिया आश्वासन

हाईलाइट
- रेड्डी ने अब्दुल सलाम की सास से की मुलाकात, सरकारी समर्थन का दिया आश्वासन
कुरनूल, 20 नवंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने कुरनूल जिले में शेख अब्दुल सलाम परिवार के ट्रेन से कटकर आत्महत्या मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही।
रेड्डी ने शुक्रवार को अब्दुल की सास मुबुन्निसा से मुलाकात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि उनके दामाद अब्दुल सलाम के परिवार की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार उनके परिवार को सहायता प्रदान करेगी।
रेड्डी ने एपीएसपी बटालियन गेस्ट हाउस में सलाम की सास से मुलाकात की। उन्होंने मुबुन्निसा की बेटी शजीदा को आउटसोसिर्ंग की नौकरी देने का वादा भी किया।
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को उनके दामाद शामवाली को अनंतपुर से नंद्याल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, अनंतपुर डीएम और एचओ कार्यालय ने शामवाली को नंद्याल स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए हैं।
स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल इंस्पेक्टर सोमशेखर रेड्डी और हेड कांस्टेबल गंगाधर को हाल ही में परिवार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि नंघाल के रोजकुंटा इलाके में ज्वैलरी की एक दुकान से चोरी हुई थी और इस मामले में अब्दुल को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था। पुलिस ने ऑटो चालक अब्दुल सलाम को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाद में वह जमानत पर छूट गया। आत्महत्या करने से पहले सलाम ने एक वीडियो बनाया, जिसमें पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
इसके बाद शेख अब्दुल सलाम (45), उनकी पत्नी नूरजहां (43), बेटे दादा खलंदर (नौ) और बेटी सलमा (14) ने कथित पुलिस उत्पीड़न के कारण मालगाड़ी के नीचे आकर आत्महत्या कर ली थी।
इससे पहले गृह मंत्री मेकथोती सुचारिता ने भी कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने मुबुन्निसा के परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की।
एकेके/एएनएम
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।