भागवत ने श्रीराम को बताया राष्ट्रीय महापुरुष, कहा- राम मंदिर जरूर बनेगा
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा जो रामचरित्र के जरिए जीवन में कैसे रहना चाहिए इसकी शिक्षा पूरे विश्व को देगा। राम राष्ट्रीय महापुरुष हैं, 8 हजार साल बाद भी आज हम उनका अनुशरण करते हैं, उनका अनुभव करते हैं। भागवत मंगलवार को छिंदवाड़ा में दिव्य शिवशंकर जी की प्रतिमा के साथ रामेश्वरम पूजा धाम के भूमिपूजन अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि ऐसे धाम और मंदिर जगह-जगह बनना चाहिए। जिससे आध्यात्म की पवित्रता प्राप्त होगी। धार्मिक सभा में करीब 30 मिनट के संबोधन में भागवत ने आध्यात्म, प्रकृति और गौवंश पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मोहन भागवत, विशिष्ट अतिथि महाराजा ऑफ नागपुर श्रीमंत राजे मुधोजी भोसले, कार्यक्रम अध्यक्ष जयशंकर साहू उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विवेक साहू बंटी ने किया।
गौवंश काटे जाने के हम कट्टर विरोधी
गौवंश काटने के हम कट्टर विरोधी है। गाय काटने की समस्या का निदान सिर्फ एक ही है कि हम गौवंश की रक्षा करे। गौवंश रक्षा की परंपरा हमारी हेडग़ेवार जी के समय से है और हम इसे आगे भी निभाएंगे। मैं पशुओं का डॉक्टर हूं इसलिए मैं आधुनिक पशु विज्ञान के जरिए कह सकता हूँ कि हमारे देश की गाय आज विदेशों में है जिनकी नस्लों से दुग्ध उत्पादन बेहतर हो रहा है।
भोसले से संघ के संबंध उजागर किए
कार्यक्रम में महाराजा ऑफ नागपुर और लायंस क्लब अध्यक्ष श्रीमंत राजे मुधोजी भोसले पहुंचे थे। यहां भागवत ने भोसले परिवार और संघ के संबंधों को खुलकर बताते हुए कहा कि हमेशा से ही भोसले परिवार संघ के साथ रहा है। ब्रिटिश शासन में जब हमें मैदान की अनुमति नहीं मिलती थी तो हम महाराजा के बाड़े में सभा किया करते थे। संघ के हर काम के लिए भोसले परिवार खड़ा रहा है। इस बीच उन्होंने पुराने संस्मरण भी सुनाएं।
प्रकृति से बड़ा मैनेजर नहीं
प्रकृति से अच्छा मैनेजर कोई नहीं हो सकता है लेकिन प्रकृति के मैनेजमेंट में हम दखल कर रहे है इसके कारण प्रकृति में विकृति आ रही है। रामेश्वरम पूजा धाम में लोग आएंगे पूजन करेंगे और अध्यात्म को जानेंगे। यहां चिल्ड्रन गार्डन बच्चों के लिए बन रहा है जहां बच्चें आएंगे। मंदिर में वह अध्यात्म और पार्क में लगे पौधों के जरिए प्रकृति को पहचानेंगे।
हमारा देश संबंधों पर आधारित
भागवत ने कहा कि हमारा देश संबंधों पर आधारित है जो एक संस्कार है। आज मैं भी यहां पर संबंधों के कारण आया हूं। क्योंकि संबंधों के आधार पर रहने वाला काम टिकाऊ और सतत रहते है, जबकि सौदे के आधार पर रहने वाले काम कुछ क्षण के लिए होते है। साहू परिवार और भोसले परिवार के बीच पचास वर्ष पुराने संबंधों का नतीजा है कि आज रामेश्वरम पूजा धाम बन रहा है।
Created On :   24 April 2018 3:05 PM IST