RIC मीट से पहले चीन और रूस के विदेश मंत्रियों से मिलीं सुषमा, डोकलाम पर हुई बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। RIC मीट से पहले आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मीटिंग की। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में डोकलाम विवाद सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि भारत और रूस के सामरिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने की पहल करते हुए सुषमा ने लावरोव के साथ सार्थक बैठक की। दोनों नेताओं के बीच रूस, भारत और चीन त्रिपक्षीय बैठक से पहले आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
कुमार ने एक और टवीट में कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को नयी ऊर्जा प्रदान करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ चर्चा की जो सकारात्मक और आगे की ओर बढ़ने मदद पहुंचाने वाली रही। यह बैठक रूस, भारत, चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले हुई।
Towards global and regional peace, security and stability, EAM @SushmaSwaraj welcomes Chinese Foreign Minister Wang Yi Russian Foreign Minister Sergey Lavrov to the 15th round of Russia-India-China #RIC Trilateral Foreign Ministers" Meeting in New Delhi. pic.twitter.com/mJePKS1E8n
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) December 11, 2017
हाल ही में चीन ने उनकी सीमा में भारत के ड्रोन के घुसने के आरोप लगाए थे। चीन का आरोप था कि भारत का एक ड्रोन (UAV) उसके एयरस्पेस में घुस आया है। इस पर चीन ने घोर आपत्ति जताई थी। चीन का कहना था कि भारत के इस कदम ने चीन की सुरक्षा संप्रभुता का उल्लंघन किया है, हम इसका विरोध करते हैं। हम चीन की संप्रभुता को सुरक्षित करने के लिए हर कदम उठाएंगे।
वहीं डोकलाम विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच रिश्तों में पहले से ही खटास चल रही है। ऐसे में एक बार फिर चीन ने 1800 सैनिकों की तैनाती कर विवाद को बढ़ा दिया है। एक ओर भारत और चीन के विदेश मंत्री महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जुटे हैं वहीं दूसरी ओर चीन अपनी चाल चल रहा है।
इस त्रिपक्षीय बैठक को अप्रैल के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन चीन के विदेश मंत्री वांग की भागीदारी की पुष्टि न होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को अरुणाचल की यात्रा के लिए नई दिल्ली के निर्णय के विरोध में भारत की यात्रा को यांग ने टाल दिया था। चीन के विदेश मंत्री आज शाम भारत-चीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
जानकारी के अनुसार बैठक में लश्कर ए तैयबा एवं जैश ए मोहम्मद जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों को आरआईसी के घोषणा पत्र में शामिल करने पर भारत मजबूती से जोर देगा। बता दें कि ब्रिक्स समूह इन आतंकी संगठनों को पहले ही आतंकी समूह घोषित कर चुका है। बैठक के जरिए भारत आतंकवाद से प्रभावशाली तरीके से निपटने के लिए तीन देशों के बीच सहयोग मजबूत करने पर जोर देगा।
भारत की तरफ से, चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के मुद्दे को बैठक में उठाया जा सकता है। दरअसल चाइना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर (CPEC) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरेगा। भारत ने इसपर अपनी आपत्ति जताई हैं।
वहीं भारत की रूस के साथ 7,200 किलोमीटर लंबे इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांस्पोर्ट कॉरिडोर पर भी चर्चा की संभावना है। यह कॉरिडोर भारत, ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया को यूरोप से जोड़ेगा। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, ईरान ने चबाहर बंदरगाह के पहले चरण का उद्घाटन किया था, भारत के लिए ये गेम चेंजर की तरह था।
भारत के (RIC) में भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने में तीनों देशों के सामूहिक दृष्टिकोण पर जोर देने की उम्मीद है। भारत जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ प्रस्तावित चतुर्भुज गठबंधन में शामिल होने को लेकर आशंकाएं भी दूर कर सकता है। बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य, खाड़ी क्षेत्र के घटनाक्रम, अफगानिस्तान की स्थिति और आतंकवाद से निपटने के तरीकों सहित अन्य पर विचार विमर्श की संभावना है।
Created On :   11 Dec 2017 8:42 AM IST