BJP सांसद के बिगड़े बोल-"आरक्षण खत्म किया गया तो खून की नदियां बहेंगी"
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। सावित्री बाई फुले ने रविवार को राजधानी लखनऊ में स्थित काशीराम स्मृति उपवन में "भारतीय संविधान व आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन" किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि "मैं सांसद रहूं या न रहूं लेकिन संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं होने दूंगी।" आरक्षण कोई भीख नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है। अगर आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया गया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी।
आरक्षण किसी और के बाप-दादा का अधिकार नहीं
सावित्री बाई फुले ने कहा कि "संविधान और आरक्षण खतरे में है। यदि शासक वर्ग ने भारत के संविधान को बदलने और हमारे आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बह जाएंगी। आरक्षण हमारे बाबा साहेब का दिया अधिकार है किसी और के बाप दादा या भगवान का नहीं। यह सवाल पूछे जाने पर कि आप भाजपा की सांसद हैं और अब क्या भाजपा छोड़ेंगी। साध्वी सावित्री बाई फुले ने कहा, "मैं भारत की सांसद हूं और जब तक मेरा कार्यकाल है तब तक मैं सांसद रहूंगी।"
कातिलों के मोहल्ले में लिया घर : फुले
साध्वी सावित्री बाई फुले बहराइच से सांसद हैं। सावित्री बाई फुले ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन कर दिया। फुले ने केन्द्र सरकार की दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है। सांसद ने लखनऊ में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है। सावित्री बाई फूले ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही अपनी पार्टी और सरकार से बगावती तेवर दिखा दिया है। हालांकि सांसद सावित्री बाई फुले ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन प्रकारांतर से केंद्र सरकार पर खूब हमले बोले। उन्होंने कहा, कत्ल होने से आखिर कहां तक डरूं, कातिलों के मोहल्ले में घर ले लिया।
आरक्षण खत्म करने की साजिश कर सरकार
भारतीय संविधान आरक्षण बचाओ रैली में उन्होंने सबसे पहले डॉ भीमराव आंबेडकर और बसपा के संस्थापक कांशीराम की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर किया। भाजपा सांसद ने कहा कि इस रैली में प्रदेश के प्रत्येक जिले व गांव शहर से बड़ी तादाद में बहुजन मूलनिवासी समाज के महिला पुरुष शामिल हुए हैं। महारैली में बहुजन मूलनिवासी समाज के लोग तथा नेतागण एवं संगठनों के लोग सादर आमंत्रित हैं। सावित्री बाई फुले ने इससे पहले भी अपनी ही सरकार व पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा था कि केंद्र सरकार आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही है।
सावित्री बाई ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक खतरे में हैं। सांसद ने प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण जैसी व्यवस्था की मांग की है। सांसद सावित्री बाई फुले ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर भीमराव रामजी आंबेडकर करने के प्रदेश की योगी सरकार के फैसले पर भी नाराजगी जताई। इस रैली में आरक्षण बचाव संगठन समिति के अध्यक्ष अवधेश वर्मा भी शामिल हुए।
Created On :   2 April 2018 8:11 AM IST