केंद्र को फिर भेजा जाएगा जस्टिस जोसेफ का नाम, कोलेजियम में बनी सहमति

SC collegium unanimously agrees  to reiterate Justice Joseph’s name
केंद्र को फिर भेजा जाएगा जस्टिस जोसेफ का नाम, कोलेजियम में बनी सहमति
केंद्र को फिर भेजा जाएगा जस्टिस जोसेफ का नाम, कोलेजियम में बनी सहमति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को हुई। इस बैठक में उत्तराखंड के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ के नाम को दोबारा प्रमोट कर सुप्रीम कोर्ट भेजने पर कोलेजियम की सहमति बन गई है। कोलेजिम में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जे चेलामेश्वर, रंजन गोगोई, एमबी लोकुर और कुरियन जोसेफ शामिल थे। करीब एक घंटे चली मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया है।

16 मई को अगली मीटिंग
इसके अलावा कोलेजियम ने दूसरे जजों के नामों को भी सुप्रीम कोर्ट के लिए प्रमोट करने का फैसला लिया है। 2 मई को कोलेजियम ने कोलकाता, राजस्थान, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के जजों के नामों पर विचार किया था। कोलेजियम की अगली मीटिंग 16 मई को होगी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल 31 पद है जिसमे से इस समय 24 भरे हुए है जबकि 4 जज इस साल रिटायर हो रहे है। इससे पहले 26 अप्रैल को केंद्र सरकार ने जस्टिस जोसेफ को प्रमोट करने की कोलेजियम की सिफारिश को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दी थी। केंद्र ने तर्क दिया था कि यह प्रस्ताव टॉप कोर्ट के पैरामीटर्स के तहत नहीं है। 

जे. चेलामेश्वर ने चीफ जस्टिस को लिखा था पत्र
वहीं इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जे. चेलमेश्वर ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखा था। पत्र लिखकर उन्होंने कोलेजियम की बैठक बुलाने को कहा था, ताकि उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की केंद्र से दोबारा सिफारिश की जा सके। सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया था कि बुधवार शाम को CJI को भेजे पत्र में जस्टिस चेलमेश्वर ने जस्टिस जोसेफ को टॉप कोर्ट के जज के तौर पर प्रमोट करने के अपने फैसले को दोहराया है।

जोसेफ को SC का जज बनाने की सिफारिश 
गौरतलब है कि SC के कोलेजियम ने इसी साल 10 जनवरी को उत्तराखंड के चीफ जस्टिस जोसेफ और सीनियर वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की थी। सरकार ने इंदु मल्होत्रा के नाम पर मुहर लगा दी लेकिन जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश को खारिज कर फिर से विचार करने के लिए कोलेजियम के पास भेज दिया था। कोर्ट का कहना था कि ये प्रस्ताव सर्वोच्च न्यायालय के मापदंड के अनुरूप नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है क्योंकि जोसेफ केरल से आते हैं।

इंदु मल्होत्रा की शपथ ग्रहण का विरोध
वहीं जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज न बनाए जाने से नाराज वकीलों ने जज नियुक्त होने वाली इंदु मल्होत्रा का शपथ ग्रहण रोकने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मांग को विचार से परे बताते हुए ठुकरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच इस तरह की तनातनी की वजह से जोसेफ के मामले में होने वाली बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। कोलेजियम के कुछ मेंबर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इस बैठक में भी उनके मुखर होने की संभावना जताई जा रही है।

इन पदों पर रहे चुके हैं जस्टिस जोसेफ 
जस्टिस जोसेफ ने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने के मोदी सरकार के फैसले को खारिज करने वाली पीठ की अगुआई की थी। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। जोसेफ जुलाई 2014 से उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इस साल जून में वो 60 साल के हो जाएंगे। 14 अक्टूबर 2004 को उन्हें केरल हाई कोर्ट में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। 31 जुलाई 2014 को उन्होंने उत्तराखंड हाई कोर्ट का प्रभार संभाला था।    

Created On :   11 May 2018 1:41 PM GMT

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