यूपी के 6 पूर्व सीएम को खाली करने होंगे सरकारी आवास : SC का फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला देने का यूपी सरकार का नियम सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करना होगा। यूपी में फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री के नाते मुलायम सिंह यादव, मायावती, अखिलेश यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और एनडी तिवारी के पास लखनऊ में सरकारी बंगले हैं। पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सरकारी आवास के हकदार हैं या नहीं इस पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों को सरकारी बंगला देने को गलत बताया था। लोकप्रहरी नाम के एनजीओ ने उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री को बंगला दिए जाने के नियम को चुनौती दी थी।
Supreme Court quashed the law passed by Uttar Pradesh govt granting permanent residential accommodation to former Chief Ministers of the state. The Court in its order said that Former CMs of the state are not entitled to government bungalows. pic.twitter.com/8VBRl4KKnY
— ANI (@ANI) May 7, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये किसी एक राज्य का मामला नहीं बल्कि पूरे देश का मामला है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में राज्यों और एटॉर्नी जनरल से पक्ष रखने को कहा था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी निवास दिए जाने के प्रावधान पर सुनवाई की थी।
विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता
कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। इस मामले के लिए वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया था। एनजीओ लोक प्रहरी के महासचिव और पूर्व नौकरशाह एस. एन. शुक्ला शिकायकर्ता के तौर पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
साल 2016 के अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के उस आदेश को ख़ारिज कर दिया था। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर मुफ्त सरकारी आवास देने की व्यवस्था की गई थी।
एनजीओ लोक प्रहरी ने आदेश को दी थी चुनौती
बता दें कि एनजीओ लोक प्रहरी ने 1997 में सरकारी आदेश को चुनौती दी थी। इस याचिका में "उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज़, अलाउंस एंड अदर फैसिलिटीज एक्ट 1981" का हवाला दिया गया था। इस एक्ट के सेक्शन 4 में कहा गया है कि मंत्री और मुख्यमंत्री, पद पर रहते हुए एक निशुल्क सरकारी आवास के हकदार हैं, लेकिन जैसे ही वह पद छोड़ेंगे 15 दिन के भीतर उन्हें सरकारी मकान खाली करना होगा।
Created On :   7 May 2018 10:28 AM IST