पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सिर्फ तीन घंटे फूटेंगे पटाखे

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखा बिक्री को लेकर दिल्ली के कारोबारियों को राहत देने से इनकार करने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस मामले में एक बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में पटाखे जलाने का समय तय कर दिया है। इस आदेश के अनुसार पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े नौ बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकेंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली- NCR में 1 नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर लगाए प्रतिबंध को लेकर व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटाखों की बिक्री पर रोक को जारी रखा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जिनके पास पटाखे हैं वो दिवाली की रात 11 बजे तक जला सकते हैं।
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ में तीन घंटे की मोहलत
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश के बाद अब पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सिर्फ तीन घंटे ही पटाखा जलाने की अनुमति होगी। इन राज्यों में पीसीआर वैन इस बात की जांच करेगी कि कोई निर्धारित समय के बाद पटाखा न जलाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि सिर्फ लॉटरी की प्रक्रिया से पटाखों को बेचने का लाइसेंस दिया जाए। साथ ही इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाए। मालूम हो कि दीपावली से पहले पटाखों की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की यह सख्ती सामने आई हैं। दो दिन पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पटाखों से फैलने वाले प्रदूषण पर संज्ञान लिया था। इसके बाद हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। हाईकोर्ट ने वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता को कोर्ट-मित्र नियुक्त किया। कोर्ट ने सभी पक्षों को शनिवार जवाब दायर कर पटाखों के लाइसेंस बारे जानकारी देने को कहा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तेजी से बढ़ते प्रदूषण पर गहरी चिंता जाहिर की है।
दिल्ली-NCR में राहत नहीं
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने पटाखों की बिक्री से रोक हटाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश को बदलने से इनकार कर दिया है। SC से व्यापारियों ने इस फैसले को लेकर संशोधन की मांग की थी। इस मामले में पटाखा व्यापारियों ने बुधवार को अदालत से इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। व्यापारियों का कहना था कि वे पटाखे खरीदने में अपना बहुत पैसा लगा चुके हैं और यदि प्रतिबंध जारी रहा, तो उनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
जब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भाजपा के बयानों को उठाया, तो न्यायमूर्ति सीकरी ने उन्हें चेतावनी दी कि आपको यहां राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं भी अपने निजी जीवन मे काफी आध्यात्मिक हूं, लेकिन इस आधार पर कोर्ट के आदेश में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।" सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमको पता है कि पटाखा मुक्त दीपावली का क्या मतलब है, लेकिन हम पर्यावरण की भी अनदेखी नहीं कर सकते।" सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रतिबंध के बाद भी पटाखों की बिक्री जारी है और यह उन्हे पता है।
चेतन भगत व तथागत रॉय ने जताई थी नाखुशी
प्रख्यात लेखक चेतन भगत और त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर अपनी नाखुशी जाहिर की थी। चेतन भगत ने एक ट्वीट में कहा था, "बिना पटाखों के बच्चों के लिए दीपावली का क्या मतलब है?" लेखक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का बैन परंपराओं पर चोट है। उन्होंने कहा प्रतिबंध की जगह रेगुलेशन बेहतर विकल्प हो सकता था। चेतन भगत ने मामले में अपनी नाखुशी जाहिर करने के बाद प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए कई सुझाव भी दिए थे। इसके पहले त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने अपने ट्वीट में लिखा कि कभी दही हांडी, आज पटाखा, कल को हो सकता है कि प्रदूषण का हवाला देकर हिंदुओं की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे। राज्यपाल ने साफ किया कि वह एक हिन्दू होने के नाते वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बेहद नाखुश हैं। उनका निर्णय इस समुदाय को उसके प्रमुख उत्सव से जुड़े एक अहम पहलू से वंचित करता है।
Created On :   13 Oct 2017 8:10 PM IST