CBI डायरेक्टर का नहीं हो सका फैसला, सेलेक्शन कमेटी की बैठक बेनतीजा
![Second meeting of PM-led panel’s to decide on CBI chief remains ‘inconclusive’ Second meeting of PM-led panel’s to decide on CBI chief remains ‘inconclusive’](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/02/second-meeting-of-pm-led-panels-to-decide-on-cbi-chief-remains-inconclusive_730X365.jpg)
- CBI डायरेक्टर के चयन को लेकर शुक्रवार को दूसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की बैठक हुई।
- पहली बैठक की तरह ये बैठक भी बेनतिजा ही रही।
- बैठक में CBI डायरेक्टर के नाम पर सहमति नहीं बन सकी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। CBI के नए डायरेक्टर के चयन को लेकर शुक्रवार को दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की बैठक हुई। पहली बैठक की तरह ये बैठक भी बेनतीजा ही रही। बैठक में CBI डायरेक्टर के नाम पर सहमति नहीं बन सकी। बता दें कि अभी नागेश्वर राव CBI के अंतरिम डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं।
तीन सदस्यीय समिति में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं। CBI प्रमुख का पद आलोक वर्मा का ट्रांसफर करने के बाद 10 जनवरी से खाली पड़ा हुआ है। CBI डायरेक्टर के पद के लिए 12-18 अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है।इन अधिकारियों में 1983 बैच से 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा, बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा, सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन, एनआईए के डीजी वाईसी मोदी और मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध जायसवाल के नाम इस दौड़ में सबसे आगे है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि CBI में स्थाई निदेशक की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है? इस पर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया था कि नए निदेशक की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली हाईपावर्ड कमेटी शुक्रवार को बैठक करने वाली है। जस्टिस अरुण मिश्रा, नवीन सिन्हा की बेंच इस मामले की सुनवाई की।
बता दें कि 10 जनवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाई-पावर सेलेक्शन कमेटी ने आलोक वर्मा को CBI डायरेक्टर के पद से हटा दिया था। पैनल ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) रिपोर्ट में वर्मा के खिलाफ लगाए गए 8 आरोपों पर गंभीरता से विचार किया था। समिति ने महसूस किया था कि इस मामले की आपराधिक जांच सहित एक विस्तृत जांच आवश्यक है, ऐसे में वर्मा का CBI डायरेक्टर बने रहना ठीक नहीं है।
बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे वर्मा को हटाए जाने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने CVC की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि CVC विश्वसनीय नहीं है। खड़गे का कहना था कि आलोक वर्मा पर लगे भष्टाचार के आरोपों की अलग से जांच होना चाहिए। हालांकि 2-1 के बहुमत से आलोक वर्मा को पद से हटा दिया गया था। तीन सदस्यीय इस पैनल में खड़गे के अलावा पीएम मोदी और जस्टिस एके सीकरी शामिल थे। इस पैनल की अध्यक्षता पीएम मोदी ने की थी।
Created On :   1 Feb 2019 6:11 PM GMT