प्रवासी महिलाओं के रोजी का साधन बने स्वयं सहायता समूह, 29 हजार को मिला रोजगार

Self-help groups become the means of livelihood of migrant women, 29 thousand got employment
प्रवासी महिलाओं के रोजी का साधन बने स्वयं सहायता समूह, 29 हजार को मिला रोजगार
प्रवासी महिलाओं के रोजी का साधन बने स्वयं सहायता समूह, 29 हजार को मिला रोजगार

लखनऊ , 11 जून (आईएएनएस)। कोरोना संकट से बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों की वापसी हुई है। उनके रोजगार सृजन के लिए योगी सरकार ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं। उनके हुनर के माध्यम से उन्हें रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। प्रवासी महिलाओं के लिए स्वयं सहयता समूह रोजगार साधन बन चुका है। इससे प्रदेश में 29,254 महिलाओं को रोजगार मिल चुका है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान स्वयं सहायता समूहों की मदद से मास्क, सैनिटाइजर व पीपीई किट बनवाई। अब तक कुल 360187 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। ऐसे में बाहर से आए मजदूरों व कामगारों को इनसे जोड़ते हुए करीब 29,254 महिलाओं को रोजगार दिया गया है।

कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां सबसे ज्यादा प्रवासी महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। आगरा में 1615, गोरखपुर में 1573, हमीरपुर में 1012, मथुरा में 3102, मुरादाबाद में 2781, प्रयागराज में 2038 महिलाओं को रोजगार दिया गया है।

स्किल मैपिंग से हुनरमंद कामगारों को उनके मुताबिक काम मिल सकेगा। इसके लिए सरकार अभी तक लगभग 32 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों की स्किल मैंपिंग करा चुकी है। इस कड़ी में अब तक सरकार ने 4 औद्योगिक संस्थानों (फिक्की, आईआईए (इंडियन इंड्स्ट्रीज एसोसिएशन), लघु उद्योग भारती और नारेडको) के साथ एमओयू साइन किए हैं, इसके तहत 11 लाख श्रमिक व कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जाएगा।

इसके अलावा योगी सरकार अब तक कई लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत प्रदेश में कार्य दे रही है। लिहाजा योगी सरकार बाहर से आए 17 लाख मजदूरों व कामगारों को रोजगार देने का खाका तैयार कर चुकी है जो दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।

Created On :   11 Jun 2020 12:31 PM GMT

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