MP में बीजेपी का अस्तित्व अंगद के पैर की तरह है, इसे कोई नहीं उखाड़ सकता : अमित शाह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रचार कार्यक्रम का शंखनाद कर दिया है। शुक्रवार को राजधानी भोपाल पहुंचे अमित शाह ने भेल दशहरा मैदान में प्रदेशभर से आए हजारों कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। यहां प्रदेश स्तरीय विस्तारित बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव के लिए जीत का मंत्र दिया। अमित शाह ने कहा कि बीजेपी को एमपी में होने वाला अगला विधानसभा चुनाव भी जीतना है। इसके लिए कार्यकर्ता अपनी कमर कस ले। हमें यह चुनाव संगठन के दम पर जीतना है। अपने सम्बोधन में अमित शाह ने कांग्रेस नेताओं द्वारा एमपी में किए जा रहे जीत के दावों पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा, "पता नहीं कांग्रेस नेता किन आधारों पर जीत का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस यह जान लें कि मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार का अस्तित्व अंगद का पैर है, इसे कोई नहीं उखाड़ सकता।" उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में बीजेपी को हराने का दम कांग्रेस में नहीं है।
अमित शाह ने इस दौरान साल 2014 से अब तक विभिन्न राज्यों में हुई बीजेपी की जीत का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में बीजेपी ने देश के हर कोने में जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस अब 1-2 राज्यों तक सीमित रह गई है। बीजेपी ने उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक के राज्यों में कांग्रेस और क्षेत्रिय दलों का सफाया कर सरकार बनाई है। कर्नाटक में भी बीजेपी की सरकार बनने जा रही है।" अमित शाह ने कहा कि 15 मई को बीजेपी कार्यकर्ता पटाखे लेकर तैयार रहें, एक और राज्य में बीजेपी अपनी सरकार बनाने जा रही है। गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे 15 मई को आने वाले हैं। इससे पहले प्रदेश स्तरीय विस्तारित बैठक को सीएम शिवराज ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का हर कार्यकर्ता अमित शाह जी को यह विश्वास दिलाता है कि हम सब मिल कर कांग्रेस, जो मुक्ति भवन में जाकर बैठी हुई है, उसे सपने में भी बाहर नहीं आने देंगे।
मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj @BJP4India के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @AmitShah के साथ भोपाल में आयोजित प्रदेश स्तरीय बै… https://t.co/pLYn2peMF2
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) May 4, 2018
बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार दोपहर को भोपाल पहुंचे थे। वे यहां 2 घंटे के प्रवास पर थे। राजा भोज एयरपोर्ट स्थित स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने उनकी अगवानी की। यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। यहां से वे सीधे भेल दशहरा मैदान की ओर निकल गए। इस दौरान रास्ते में चेतक ब्रिज के पास शिव सैनिकों ने उन्हें काले झंडे दिखाए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @AmitShah जी ने कन्या पूजन के साथ बैठक प्रारम्भ की#AmitShahInMP pic.twitter.com/v0k0xRIJ0m
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) May 4, 2018
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल आने से पहले बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक भी आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह मौजूद रहे। अमित शाह के दौरे के मद्देनजर ही यह बैठक बुलाई गई थी। बता दें कि अमित शाह के इस दौरे को मध्यप्रदेश बीजेपी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान के शंखनाद के तौर पर पेश कर रही है।
.@BJP4India के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद श्री @AmitShah के मध्यप्रदेश आगमन पर प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता की तरफ से ह्रदय से स्वागत-अभिनंदन करता हूं। जनसेवा से परिष्कृत दीर्घ अनुभव, सांगठनिक कौशल और प्रखर विचारों से हम सभी लाभान्वित होंगे।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 4, 2018
आज मध्यप्रदेश @BJP4MP की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक प्रारम्भ हुई । दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय महामंत्री संगठन माननीय @Ramlal जी, मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj जी के द्वारा बैठक प्रारम्भ किया गया ।@nstomar @BJP4India @SuhasBhagatBJP @jhaprabhatbjp pic.twitter.com/9zbMCaUH3s
— Rakesh Singh (@MPRakeshSingh) May 4, 2018
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उप-चुनावों के नतीजों से चौंका केंद्रीय नेतृत्व
भाजपा अध्यक्ष शाह पिछले साल अगस्त में भोपाल आए थे। वह यूथ विंग की रैली की शुरुआत के लिए बीती 31 जनवरी को भोपाल आने वाले थे, लेकिन किन्हीं कारणों से उनका यह दौरान स्थगित कर दिया गया था। हाल के दिनों में हुए उप-चुनावों में पार्टी की मुंगावली और कोलारस सीटों पर पराजय के बाद शाह का यह पहला दौरा है। उप चुनाव के नतीजों ने भाजपा नेतृत्व को परेशान किया है, इसी लिए पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनो ने ही अपना ध्यान मध्य प्रदेश पर केंद्रित किया है।
बीजेपी ने शुरू किया ग्राउन्ड वर्क
अमित शाह के दौरे से पहले भाजपा ने उन विधानसभा सीटों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है, जहां भाजपा की स्थिति कमजोर मानी जा रही है। इसके साथ ही पार्टी पदाधिकारियों और चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में चुनावी और ग्राउंड लेबल पर व्यापक जनसंपर्क की तैयारियों की समीक्षा की। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी पदाधिकारियों से बैठक कर जनसंपर्क तेज करने के निर्देश दिए हैं। अमित शाह चुनावी रणनीति पर चर्चा के लिए पार्टी पदाधिकारियों और चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ अलग-अलग कुछ और बैठकें भी कर सकते हैं।
मंत्रीगणों का व्यवहार निराला
राज्य सरकार के अनेक मंत्रियों के व्यवहार की पार्टी मंचों पर आलोचना की गई है। ओमप्रकाश धुर्वे के बारे में शिकायत है कि वह कार्यकर्ताओं से समुचित तालमेल नहीं रखते। जिसकी वजह से उनकी अपने गृह जिले में पकड़ कमजोर पड़ी है। इसके अलावा कुसुम मेहदेले, भूपेंद्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, गौरीशंकर बिसेन, विजय शाह और गौरी शंकर शेजवार की भी छवि अच्छी नहीं है। मेहदेले की मुंहफट स्वभाव और अख्खड़पन की आलोचना की जाती है, जबकि नरोत्तम मिश्रा खुद को पार्टी नेताओं से बड़ा मानते हैं। गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह किसानों पर गोलीकांड और राज्य में लगातार हो रहे महिला अपराधों को लेकर चर्चा में हैं। गौरीशंकर बिसेन पार्टी कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों से अच्छा व्यवहार नहीं करते। इसके अलावा किसान आंदोलन थामने में असफल रहने पर भी उनकी आलोचना की जा रही है। विजय शाह के आपत्तिजनक बयान और स्कूल शिक्षा की दयनीय स्थिति उनकी प्रमुख असफलताएं मानी जाती हैं।
शाह के आने की खबर से बदला मंत्रियों का व्यवहार
बीजेपी अध्यक्ष का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हाल ही में पार्टी ने बड़ा सांगठनिक बदलाव करते हुए राकेश सिंह को अध्यक्ष बनाया है। राज्य संगठन में किया गया यह बदलाव भी पार्टी की चुनावी रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है। शाह राज्य प्रवास के दौरान राज्य में भाजपा के कमजोर पक्षों पर रणनीति बनाने पर चर्चा करेंगे।अमित शाह के भोपाल आगमन की जानकारी मिलते ही मंत्रियों ने अपना रवैया बदलते हुए असंतुष्टों को साधना शुरू कर दिया है। खबर है कि अब स्थिति यह है कि जो मंत्री कभी किसी की सुनते नहीं थे, वे स्वयं फोन लगाकर विधायकों और कार्यकर्ताओं से अटके कामों की जानकारी मांग रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार बीजेपी में सबसे ज्यादा नाराजगी पुरानी पीढ़ी के नेताओं को है, जो खुद को पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
हारने वालों पर नहीं लगाया जाएगा दांव
2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के10 मंत्री चुनाव हार गए थे। बीजेपी इस बार ऐसा स्थिति नहीं दोहराना चाहती। सीएम शिवराज सिंह ने इस संबंध में कई बैठकें कर चुके हैं। उन्होंने साफ कहा है कि मंत्रीगण अपने क्षेत्र के साथ प्रभार के जिलों का भी पूरा ध्यान रखें। महीने में सात दिन जिलों में रहें। एक विधानसभा में एक दिन दें। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ नियमित अंतराल पर बैठक करें। पार्टी सूत्रों के अनुसार बीजेपी इस बार हारने की संभावना वाले मंत्रियों पर दांव नहीं लगाएगी। लोकप्रियता ही टिकट पाने का एकमात्र आधार होगी। कांग्रेस में जिस तरह सांगठनिक बदलाव किए गए हैं, उसको साधने के लिए बीजेपी ने अनेक स्तर पर अपनी रणनीति तैयार की है, जिसकी अमित शाह के दौरे के दौरान औपचारिक शुरूआत की जाएगी।
Created On :   4 May 2018 10:09 AM IST