शरद बोले - ऐसा करता रहूंगा, लालू ने कहा - जनता तय करेगी कसूर क्या था

Sharad yadav said i will be punished for the sake of democracy
शरद बोले - ऐसा करता रहूंगा, लालू ने कहा - जनता तय करेगी कसूर क्या था
शरद बोले - ऐसा करता रहूंगा, लालू ने कहा - जनता तय करेगी कसूर क्या था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) के बागी नेता शरद यादव ने राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने को लेकर कहा कि उन्हें लोकतंत्र की खातिर बोलने की सजा दी गई है। शरद यादव बोले कि उन्हें बिहार में अपनी पार्टी के फैसले का विरोध करने के कारण संसद की सदस्यता गंवानी पड़ी है। शरद यादव ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि "अगर मुझे राज्यसभा से इसलिए अयोग्य घोषित किया गया है क्योंकि मैं लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करता हूं। मैं पार्टी के संविधान का पालन करता हूं और महागठबंधन को बिहार की 11 करोड़ जनता से मिले जनादेश का सम्मान करता हूं। तो मैं न केवल बिहार के लोगों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए ऐसा करना जारी रखूंगा।"

 

वहीं राजद अध्यक्ष लालू यादव ने भी शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने पर कहा कि "जनता तय करेगी कि इन लोगों का कसूर क्या था।" लालू ने कहा कि जिस व्यक्ति ने समता पार्टी के समय से मदद की है, उसे ईर्ष्या और जलन के कारण हटाया गया है। शरद यादव ने कहा कि बिहार में महागठबंधन को 18 महीने में ही सत्ता में बने रहने के मकसद से राजग में शामिल होने के लिए तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा इस अलोकतांत्रिक तरीके के खिलाफ बोलना यदि मेरी भूल है तो मैं लोकतंत्र को बचाने के लिए बोलता रहूंगा, मेरी ये लड़ाई जारी रहेगी। 

 


आरसीपी सिंह ने सभापति से अनुशंसा की थी


बता दें कि राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह ने शरद यादव और अनवर की सदस्यता रद्द करने के लिए सभापति से अनुशंसा की थी। शरद यादव ने कहा कि मैंने लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया है। पार्टी के संविधान का भी ठीक से पालन किया और बिहार के 11 करोड़ लोगों के जनादेश का सम्मान करता हूं। बता दें कि सभापति ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सोमवार की देर शाम यह फैसला दिया। इस संबंध में शरद यादन गुट के नेता जावेद रजा ने बताया कि उन्हें कल देर रात इस फैसले की कॉपी मिली है। अब कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर इस पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

 

पार्टी सर्वोपरि है, पार्टी से बड़ा कोई नहीं

वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ सिंह ने कहा है कि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि शरद यादव स्वयं जिम्मेदार हैं। शरद यादव पर कार्रवाई होनी ही थी। वह पार्टी के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। वशिष्ठ सिंह ने कहा कि राजनीतिक और सामाजिक रूप से जनाधार वाले लोग भी जदयू में आना चाहते हैं। पार्टी सर्वोपरि है, पार्टी से बड़ा कोई व्यक्ति नहीं होता है। 

 

प्रवक्ता नीरज कुमार ने दी नसीहत

जद(यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने शरद यादव को नसीहत देते हुए कहा कि अब केवल लालू प्रसाद "जिंदाबाद" कहने से काम नहीं चलने वाला है। समय आ गया है कि लालू के पुत्र तेजस्वी, तेजप्रताप और राबड़ी देवी का भी गुणगान करना होगा। नीरज कुमार ने शरद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि "शरद जी, अब राजनीति धर्नाजन का मीडियम हैं, इसे सिद्घांत के रूप में अपने जीवन में प्रतिपादित कीजिए, अब केवल यही रास्ता बचा है।" उन्होंने कहा कि इस निर्णय से दलबदल कानून की रक्षा हुई है।

 

मुंबई में हुआ प्रदर्शन

जनता दाल यूनाइटेड, महाराष्ट्र के अध्यक्ष और विधायक कपिल पाटिल के नेतृत्व में परेल स्थित शहीद बाबू गेनू की प्रतिमा के समक्ष सदस्यता समाप्त करने के आदेश का होली जलाकर विरोध जताया। कपिल पाटिल ने दोनों नेताओं की सदस्यता समाप्त करने को संविधान एवं जनतंत्र विरोधी षड्यंत्र करार दिया। 

Created On :   6 Dec 2017 8:08 AM IST

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