2019 में बीजेपी को नहीं मिला बहुमत तो प्रणब होंगे पीएम उम्मीदवार : शिवसेना

- 2019 में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला तो प्रणब मुखर्जी पीएम पद के उम्मीदवार होंगे।
- कांग्रेस को फटकार- प्रणब मुखर्जी की यात्रा को रोकने की कोशिश में उन्होंने खुद का मजाक बनाया।
- प्रणब मुखर्जी 7 जून को नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
- शिवसेना का आरएसएस पर तंज।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के RSS के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद देश की राजनीति में हलचल मच गई है। विरोधों का सामना कर रहे प्रणब मुखर्जी को शिवसेना ने 2019 में पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की बात कही है। शिवसेना ने आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा है कि अगर बीजेपी 2019 के आम चुनावों में बहुमत हासिल नहीं कर पाती है तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार हो सकते हैं।
दरअसल इस मामले को लेकर शिवसेना के मुखपत्र "सामना" में शनिवार को संपादकीय लिखा गया है। इसमें आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि वो अपने कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बुलाकर 2019 के लिए ग्राउंड तैयार कर रहे हैं। शिवसेना के मुताबिक, अगर बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो प्रणब मुखर्जी का नाम पीएम के उम्मीदवार के नाम पर आगे कर दिया जाएगा।
इतना ही नहीं शिवसेना ने आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा उन्होंने कभी भी शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे को अपने मंच पर आमंत्रित नहीं किया और इफ्तार पार्टी आयोजित कर मुस्लिमों को खुश करने की कोशिश कर रही है। संपादकीय में कहा गया है आरएसएस थिंक टैंक भविष्य की राजनीति के लिए रणनीतिक रूप से ऐसी यात्राओं का इस्तेमाल करता है। इस विशेष घटना को लेकर उनके अंदर क्या चल रहा है इसका खुलासा 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान ही होगा।
वहीं कांग्रेस को फटकार लगाते हुए शिवसेना ने कहा प्रणब मुखर्जी की यात्रा को रोकने की कोशिश में उन्होंने खुद का मजाक बनाया है। यह एक बिना आवाज वाले पटाखे के जैसा था। शिवसेना ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि आरएसएस ने क्या सोचकर इस कद्दावर नेता को आमंत्रित करने का फैसला किया, जिन्होंने नेहरूवादी विचारधारा को अपने दिल के करीब रखा था।
गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 7 जून को नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के प्रणब मुखर्जी के फैसले का कई कांग्रेस नेताओं के साथ ही उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी आलोचना की थी। उनके बेटी ने संघ मुख्यालय जाने के फैसले पर फिर से विचार करने को भी कहा था।
Created On :   10 Jun 2018 8:00 AM IST