UP पुलिस के पास हथियार और पुलिस फोर्स की भारी कमी: CAG रिर्पोट

Shortage of ammunition plagues UP ATS: CAG
UP पुलिस के पास हथियार और पुलिस फोर्स की भारी कमी: CAG रिर्पोट
UP पुलिस के पास हथियार और पुलिस फोर्स की भारी कमी: CAG रिर्पोट

डिजिटल डेस्क,इलाहाबाद। भारत के कंट्रोलर एंड ऑडिटर (CAG)ने पाया है कि अपराध ग्रस्त उत्तर प्रदेश में तय मानक से भी 50 प्रतिशत कम पुलिस फ़ोर्स है। यही नहीं प्रदेश की पुलिस के पास जो हथियार और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी है, वो भी चलन से बाहर हो चुकी है। कैग का कहना है कि पुलिस का आधुनिकीकरण अत्यंत तेज गति से करने की जरूरत है। कैग ने 31 मार्च, 2016 को समाप्त हुए वर्ष के लिए उत्तर प्रदेश में पुलिस बल के आधुनिकीकरण और बल पर अपनी रिपोर्ट में इस बात को लेकर गंभीर चिंता जताई है कि आतंक रोधी अभियान चलाने के लिए विशेष कमांडो बल और कमांडो प्रशिक्षण केंद्र अभी तक इस राज्य में स्थापित नहीं किए गए हैं।

लेखा परीक्षक कैग ने कहा है कि इसके इतर एटीएस के पास लॉजिस्टिक्स सुविधाओं की भी भारी कमी है, जबकि एटीएस को वर्ष 2013-15 में ही 9 मिमी एमपी5 सबमशीन गन, 12 बोर पंप एक्शन गन, स्टन ग्रेनेड्स और यूबीजीएल जैसे हथियारों से लैस कर दिया गया है, लेकिन इन हथियारों के लिए गोला बारूद अभी तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए स्कीम पेश किए जाने के दशकों बाद भी राज्य सरकार के बेकार रवैये की आलोचना करते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉरेंसिक साइंस लैब में उपकरणों की भारी कमी है। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि आवश्यक संख्या के उलट इस राज्य के पास अब भी केवल करीब 50 प्रतिशत पुलिस थाने हैं और पुलिस कर्मियों के लिए रिहाइशी सुविधाओं की भारी कमी है, वहीं परियोजनाओं में निर्माण एजेंसियों द्वारा जरूरत से ज्यादा देर किया जाता है।

CAG ने कहा है, वाहनों की भारी कमी और पुराने पड़ चुके वाहनों के चलते गश्त लगाने और अन्य उद्देश्यों के लिए पुलिस बल का आवागमन बुरी तरह से बाधित होता है, जबकि बढ़ते यातायात को नियंत्रित करने के लिए यातायात पुलिस के पास कुछ ही अधिकारी हैं और उपकरणों की कमी है। इसके अलावा, इस रिपोर्ट में क्षमता निर्माण में ऐसी कई बाधाओं की ओर ध्यान दिलाया गया है जिनका सामना पुलिस प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों को करना पड़ रहा है जैसे अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण ढांचागत सुविधाओं की कमी। इस रिपोर्ट में कई सांख्यिकीय आंकड़े दिये गए हैं जो उत्तर प्रदेश में पुलिस के आधुनिकीकरण की धूमिल तस्वीर पेश करते हैं। इनमें 303 राइफल का इस्तेमाल शामिल है जिन्हें गृह मंत्रालय द्वारा 20 साल पहले ही अप्रचलित घोषित किया जा चुका है। राज्य का 48 प्रतिशत पुलिस बल इस राइफल का इस्तेमाल करता है।

Created On :   24 July 2017 1:06 PM IST

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