लोग मरने की कगार पर PM जश्न मनाएंगे : मेधा पाटकर

social activist medha patkar along with some more people doing jal satyagrah
लोग मरने की कगार पर PM जश्न मनाएंगे : मेधा पाटकर
लोग मरने की कगार पर PM जश्न मनाएंगे : मेधा पाटकर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज एक तरफ जहां पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके सरदार सरोवर बांध को देश को समर्पित किया है। वहीं दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर अपने सहयोगियों के साथ मध्य प्रदेश के छोटा बड़दा गांव के घाट पर जल सत्याग्रह कर रही हैं। नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर सहित 30 से ज्यादा महिलाएं जल सत्याग्रह पर बैठी हैं। उनका आरोप है कि बेहतर पुनर्वास किए बिना सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित होंगे। मेधा पाटकर ने कहा है कि जल समाधि ले लेंगे, लेकिन इस जगह को खाली नहीं करेंगे।

192 गांवो का मिट जाएगा नामोनिशान

बांध का निर्माण लोगों के जीवन को सुखद बनाने के लिए किया जाता है पर सरदार सरोवर के शुरू होने के बाद लाखों लोगों की जिंदगी गुमनामी में चली जाएगी। दरअसल, सरदार सरोवर का जलस्तर बढ़ाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी स्थित धार, बड़वानी, सहित अन्य इलाकों के 192 गांव और एक नगर का डूब में आना तय माना जा रहा है। धीरे-धीरे जल स्तर बढ़ रहा है और कई गांवों में पानी भी भरने लगा है। इसके बावजूद प्रभावित गांव के लोगों ने अब तक घर नहीं छोड़े हैं।

सत्याग्रह नहीं जल सत्याग्रह है

बेहतर पुनर्वास और मुआवजा दिए बिना सरदार सरोवर की ऊंचाई बढ़ाए जाने का लोग विरोध कर रहे हैं। इसी के तहत मेधा पाटकर ने शुक्रवार से सत्याग्रह शुरू किया, वे नर्मदा नदी के छोटा बड़दा गांव के घाट पर बैठी हैं, जहां पानी लगातार बढ़ रहा है, स्थिति यह है कि उनका सत्याग्रह जल सत्याग्रह में बदल गया है। मेधा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने के लिए हजारों परिवारों की जलहत्या की तैयारी हो रही है। यह कैसा जश्न है कि एक तरफ लोग मरने की कगार पर होंगे और गुजरात में 17 सितंबर रविवार को जश्न मनाया जाएगा। यह दिन देश के सबसे बुरे दिनों में से एक होगा।

Created On :   17 Sept 2017 10:39 AM IST

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