पत्रकार जेडे हत्याकांड में छोटा राजन समेत 9 आरोपियों को उम्रकैद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में अंग्रेजी सांध्य दैनिक के पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी माफिया डॉन छोटा राजन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उसके साथ 8 अन्य आरोपियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हत्या के करीब सात साल बाद आज बुधवार को महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की विशेष अदालत ने इस सनसनीखेज मामले में अपना फैसला सुनाया है। इस मामले में 12 आरोपियों में से 2 को बरी कर दिया गया है, जबकि एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है। बरी हुए लोगों में पत्रकार जिगना वोरा और जोसेफ पॉल्सन शामिल हैं।
मकोका विशेष अदालत ने मामले की अंतिम सुनवाई इस साल फरवरी में शुरू की थी। 3 अप्रैल को हुई सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर अडकर ने फैसले की तारीख 2 मई तय की थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड की जांच पहले पुलिस कर रही थी, लेकिन मामले की जटिलता को देखते बाद में इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी। क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच में पाया था कि माफिया डॉन राजेंद्र एस. निखलजे ऊर्फ छोटा राजन ने मुंबई के मशहूर संवाददाता ज्योतिर्मय डे को मारने की सुपारी ली थी।
2015 में इंडोनेशिया से लाया गया था छोटा राजन
छोटा राजन को नवंबर 2015 में इंडोनेशिया से भारत लाया गया। छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने जेडे हत्याकांड की जांच दोबारा शुरू की और अपने पूरक आरोप-पत्र में उसे आरोपी बनाया। इस मामले के आरोपियों में मुंबई के पत्रकार जिगना वोरा भी शामिल हैं। इस मामले के 11वें आरोपी विनोद आसरानी उर्फ विनोद चेंबुर की एक निजी अस्पताल में अप्रैल 2015 में मौत हो चुकी है। आसरानी भी जेडे हत्याकांड का सह-मुख्य साजिशकर्ता था। विशेष मकोका अदालत ने जून 2015 में वोरा समेत बाकी 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। इस मामले के तीन आरोपियों ने अपने बयानों में जेडे की हत्या में अपनी संलिप्तता की बात पहले ही स्वीकार कर ली थी। मुकदमे के दौरान कुल 155 गवाहों को पेश किया गया। छोटा राजन का बयान तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रिकॉर्ड किया गया।
मुंबई में 11 जून 2011 को हुई थी हत्या
56 वर्षीय ज्योतिर्मय डे अंग्रेजी सांध्य समाचारपत्र मिड डे के संपादक (इनवेस्टिगेशन) थे। उन्हें 11 जून, 2011 को मध्य मुंबई के उपनगर पवई में उनके आवास के पास गोली मार दी गई थी। इस मामले में सनसनीखेज मोड़ तब आया था, जब पुलिस ने 25 नवंबर, 2011 को मुंबई के एक अंग्रेजी समाचार पत्र की पत्रकार जिगना वोरा समेत 10 अन्य लोगों को उनकी हत्या के मामले में गिरफ्तार किया। जांच के दौरान पता चला था कि वोरा लगातार छोटा राजन के संपर्क में थी और जेडे की हत्या के लिए उसे उकसाया था। इस हत्याकांड के लिए छोटा राजन को पांच लाख रुपये दिए जाने थे, जिसमें दो लाख रुपये अग्रिम दे दिए गए थे।
इसलिए नाराज हो गया था छोटा राजन
जेडे ‘खल्लास- एन ए टू जेड गाईड टू द अंडरवर्ल्ड’ और ‘जीरो डायल : द डैंजरस वर्ल्ड ऑफ इनफोरमर्स’ के लेखक थे। वे मौत से पहले अपनी तीसरी किताब ‘चिंदी : राग्स टू रिचेस’ लिख रहे थे। उन्होंने कथित रूप से अपनी आने वाली किताब में माफिया डॉन राजन की चिंदी (तुच्छ) के रूप में छवि गढ़ी थी। जब यह बात छोटा राजन को पता चली, तो वह उससे बहुत नाराज हो गया। इसके बाद ही जेडे की हत्या की साजिश का हिस्सा बन गया।
Created On :   2 May 2018 9:19 AM IST