अयोध्या विवाद सुलझाने की पहल को फिर आगे आए श्री श्री रविशंकर

Sri Sri Ravi Shankar has come out to solve the Ayodhya dispute
अयोध्या विवाद सुलझाने की पहल को फिर आगे आए श्री श्री रविशंकर
अयोध्या विवाद सुलझाने की पहल को फिर आगे आए श्री श्री रविशंकर

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अयोध्या विवाद को लेकर एक बार फिर से समाधान के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर सामने आ गए हैं। हालांकि उन्हें कुछ समय पहले इस मामले से दूर रहने के लिए कहा गया था। इसके बाद भी उनके अयोध्या मामले को लेकर समाधान के प्रयास जारी हैं। उनकी कोशिश है कि दशकों से लंबित इस मामले को आपसी बातचीत से कोर्ट के बाहर ही हल किया जाए। बेंगलुरु में श्री श्री रविशंकर और मुसलमानों के एक प्रतिनिधिमंडल की 8 फरवरी को मुलाकात हुई है। अब दूसरे दौर की वार्ता 20 फरवरी को अयोध्या में होगी, जिसमें दोनों हिंदू और मुस्लिम प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरान कोई आम सहमति बन सकती है।

 

 

अयोध्या में हो सकती है मीटिंग

 

लखनऊ में स्थित सेंटर फॉर अब्जेक्टिव रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट (CORD) के निदेशक अतहर हुसैन, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के कार्यकारी सदस्य मौलाना सलमान हुसैन नदवी के साथ बेंगलुरु गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। हुसैन ने बताया कि श्री श्री ने 20 फरवरी को अयोध्या में दोनों पक्षों की मीटिंग का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, "मौलाना नदवी इस समय हैदराबाद में हैं और उनके 12 फरवरी को लौटने की उम्मीद है। उसके बाद हम बैठकर इस विवाद पर चर्चा करेंगे और देखेंगे कि क्या उस तारीख पर अयोध्या में मीटिंग संभव है। 

 

 

 

वार्ता में सुन्नी बोर्ड भी शामिल होने को  तैयार


श्री श्री रविशंकर ने कहा कि हम इस बात की पूरी कोशिश करेंगे कि हिंदू संगठनों के साथ विचार-विमर्श के दौरान इस्लाम के सभी धड़े के प्रमुख प्रतिनिधि मौजूद रहें।"  यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी भी बेंगलुरु में हुई वार्ता में शांमिल थे। हुसैन ने बताया, "कोर्ट में केस के बावजूद अगर इस तरह की वार्ता होती है तो सुन्नी बोर्ड भी शामिल होने के लिए तैयार है।" हुसैन ने कहा, "इस बात पर चर्चा हुई है कि फैजाबाद में मस्जिद को किसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए, लेकिन बदले में इस बात की गारंटी दी जाए कि भारत में मौजूद बाकी 400 मस्जिदों को जो हिंदू संगठनों की लिस्ट में हैं, उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा।

 

 

 

नदवी के बयान की आलोचना

 

उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद को गिराने के बाद हुए दंगों के पीड़ितों के लिए मुआवजा, जल्द न्याय और बाबरी विध्वंस साजिश मामले में कार्रवाई की भी मांग हुई है। मौलाना नदवी ने भी बाबरी मस्जिद को विवादित जमीन से शिफ्ट करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि बदले में दूसरी किसी मस्जिद पर हिंदू पक्ष कोई दावा न करे। हालांकि  मीटिंग के दौरान AIMPLB के दूसरे सदस्यों की ओर से नदवी के इस बयान की आलोचना की गई है। 

 

Created On :   11 Feb 2018 10:11 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story