गिरिजा टिक्कू की कहानी. जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे, अपहरण, गैंग रेप फिर बीच से चीर दिया. दर्द से आज भी चीखता है परिवार
- कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुए इस्लामिक आतंकवाद के बर्बरता की सैंकड़ो कहानियां हैं
डिजिटल डेस्क, भोपाल, राजा वर्मा। ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के रिलीज होने के बाद एक बार फिर कश्मीरी पंडितों को लेकर देश भर में बातें हो रही हैं। देश के लोगों के सामने जब भी कश्मीरी पंडितों के साथ घटित हुई कहानियों के बारे में बात की जाती है तो लोग हैरान हो जाते हैं और कहते हैं कि क्या ऐसी घटना भी हमारे देश में हुई है? हाल ही में रिलीज हुई ‘द कश्मीर फाइल्स’ में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और 1990 में घाटी से उनके पलायन के दर्द और पीड़ा की कहानियों को पर्दे पर उताराने का काम किया गया है। फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म को बनाया है।
कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुए इस्लामिक आतंकवाद के बर्बरता की सैंकड़ो कहानियां हैं जिनको सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। उनमें से ही एक कहानी है गिरिजा कुमारी टिक्कू की। जिनके परिजन आज भी मौजूद है और उनकी भतीजी सीधी रैना का कहना है कि उनकी बुआ के साथ हुई घटना को सोचकर ही उसकी रूह कांप जाती है आंखों में आंसु और मन घृणा से भर जाता है।
गिरिजा कुमारी उस समय बारामूला जिले के गांव अरिगाम की रहने वाली थी। यह गांव वर्तमान में बांदीपोरा जिले में स्थित है। गिरिजा उस समय स्कूल में लैब सहायिका के रूप में काम कर रहीं थीं। 11.6.1990 के दिन जब गिरिजा स्कूल में अपनी सैलरी लेने गयी थी। उस वक्त आतंकी गिरिजा पर नजर बनाये हुए थे। सैलरी लेने के बाद गिरिजा अपनी मुस्लिम सहकर्मी से मिलने उसके घर चली गयी। इसके बाद उसी घर से उसको उठा लिया गया। आतंकियों ने गांव के लोगों के सामने ही अपहरण किया और किसी ने भी उनको रोकने का प्रयास तक नहीं किया। अपरहण के बाद गिरिजा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। उसे तरह तरह की यातनाएं दी गई। आतंकियों का इतने में भी मन नहीं भरा तो गिरिजा को बिजली से चलाये जाने वाले आरे पर रखकर बीच से काट दिया गया। उस समय आंतकवादी केवल जवान ही नहीं बल्कि बच्चे, बूढ़े और महिलाओं को भी निशाना बना रहे थे। आतंकियों का साफ तौर पर सन्देश था की जम्मू कश्मीर में केवल “ निज़ाम –ऐ- मुस्तफा “ को मानने वाले लोग ही रहेंगे। वे गिरिजा टिक्कू जैसी अध्यापिका को भी वो निजाम –ऐ- मुस्तफा” के लिए खतरा मानते थे और उनका बेरहमी से कत्ल कर देते थे। गिरिजा टिक्कू अपने पीछे बूढ़ी मां , पति, 4 साल का बेटा और 2 साल की छोटी सी बेटी छोड़ गयी।
विवेक अग्निहोत्री ने एक साक्षात्कार में बताया कि गिरिजा का परिवार अभी अमेरिका में रहता है। गिरिजा टिक्कू के भाई- बहन ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग देखने आए थे। उन्होंने बताया कि हमने उनको रुकने के लिए बोला, लेकिन वह नहीं रुके। वह चले गए। हालाकि, बाद में उन्होंने उनको मैसेज करके कहा, “पिछले 32 सालों में परिवार में किसी ने कभी गिरिजा दीदी का नाम नहीं लिया और इस विषय पर किसी तरह की कोई बात नहीं हुई। फिल्म देखने के बाद पहली बार हम लोगों ने रात में बैठकर उनके बारे में बात की। हम लोग बहुत रोए और ऐसा लगता है कि हमारी फैमिली में हीलिंग प्रोसेस शुरू हो गया।” इसके साथ ही विवेक अग्निहोत्री कश्मीर में हुए नरसंहार के बारे में बात करते हुए कहा कि उस समय हिन्दुओं के प्रति नफरत का भाव था। उनका संदेश साफ था कि या तो धर्म बदलो या फिर कश्मीर को छोड़ दें। और जो यह नहीं मानते थे तो उनके बुरी तरह से प्रताड़ित करके मार देते थे। इस नरसंहार में केवल हिंदु ही नहीं सिख समुदाय के लोग भी मारे गए।
Created On :   15 March 2022 9:00 PM IST